अविकसित भ्रूण मामले में हाई कोर्ट से संज्ञान लेने की वकीलों की गुजारिश
बांका लाइव डेस्क : देवघर के मोहनपुर में पिछले मंगलवार को झाड़ियों में फेंके एक दर्जन से अधिक अविकसित भ्रूण मामले में अभी तक स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन किसी ठोस नतीज़े पर नहीं पहुंच पाया है. पुरे प्रकरण को अतिसंवेदनशील बताते हुए अब अधिवक्ताओं द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश देने का आग्रह किया जा रहा है.
देवघर के मोहनपुर थाना अंतर्गत डुमरथर गांव में पिछले मंगलवार झाड़ियों में फेंके एक दर्जन से अधिक अविकसित भ्रूण बरामद किये गये थे. इसकी जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग सहित जिला प्रशासन के होश उड़ गए थे. आनन-फानन में बरामद भ्रूण की FSL और DNA जांच कराने का भी निर्णय लिया गया, लेकिन आजतक इस मामले में जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग के हाथ खाली हैं. देवघर में पहली बार इतनी संख्या में एक जगह फेंके गए अविकसित भ्रूण मिलने की घटना को अवैध गर्भपात जैसे संगीन अपराध से जोड़ते हुए देवघर के कानूनविद भी अब इसकी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. अधिवक्ताओं द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को इसकी जांच के निर्देश देने का आग्रह किया जा रहा है. देवघर कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक राय ने कहा कि ऐसे जघन्य मामले का पर्दाफास होना ही चाहिए.
मामला सामने आये लगभग एक सप्ताह का समय पूरा होने को है. लेकिन जिला प्रशासन अभी तक किसी ठोस नतीज़े पर नहीं पहुंच पाया है. हालांकि उपायुक्त द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया है. जिला प्रशासन द्वारा शहर में संचालित सभी निजी नर्सिंग होम को दो सप्ताह के अंदर अपने क्लीनिक द्वारा अपनाये जा रहे Bio medical Waste Management Plan का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया है. इसकी पुष्टि देवघर के उपायुक्त अरवा राजकमल ने की है.
बहरहाल, इस मामले में वास्तविक दोषी चाहे जो भी हो, आजतक इसमें तरह-तरह की अटकलें ही लगाई जा रही हैं. हालांकि इतना तो तय है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच से कई ऐसे चौकानें वाले तथ्य सामने आ सकते हैं जो इस धर्मनगरी में चोरी-छिपे चल रहे अवैध गर्भपात के धंधेबाज़ों पर नकेल कसने में मददगार साबित हो सकते हैं.