BANKA : बांका सहित संपूर्ण जिले में करवा चौथ पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया गया। सुहागिनी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र तथा उनके स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कामना के साथ यह व्रत रखती हैं। व्रत निर्जला होता है।
रात्रि में चांद का दीदार होने पर व्रती महिलाएं चलनी से चांद और पति के चेहरे को झांकने के बाद व्रत का पारण करती हैं। व्रत का पारण पति के हाथों जल ग्रहण करके किया जाता है। बांका सहित जिलेभर में कल इस व्रत की धूम रही। हाल के वर्षों में बांका जैसे ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले जिले में भी इस व्रत का प्रचलन बढ़ा है।
हालांकि पहले यहां इस व्रत को सिर्फ मारवाड़ी समाज की महिलाएं ही मनाती थीं। लेकिन अब बहुत कुछ सिनेमा- सीरियल के पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव की वजह से इस व्रत का चलन इस क्षेत्र में भी बढ़ा है। व्रत को रखती हुई सुहागिन महिलाओं ने गुरुवार को 14 घंटे का उपवास रखा।
साफ़ मौसम होने की वजह से संध्या काल में चांद के दर्शन में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। दिनभर की तपस्या का संध्या काल में सुखद पारण हुआ। इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र का योग होने की वजह से करवा चौथ का विशेष महत्व रहा। पंडितों के मुताबिक यह योग करीब 70 वर्षों बाद करवा चौथ के साथ मिला था।