बांका लाइव ब्यूरो : कल आषाढ़ पूर्णिमा है और कल ही खग्रास चंद्रग्रहण का भी योग है। भारतीय सनातन वांग्मय के अनुसार चंद्र ग्रहण के खास ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण होते हैं। इन्हीं खास कारणों से प्रकृति और प्रकृति में रहने वाले जीव जंतुओं पर इनका खास प्रभाव भी माना जाता है।
ग्रह नक्षत्र और राशि से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली मानव जाति पर ग्रहण का सर्वाधिक असर होता है। इसलिए ऐसे अवसरों का समय चक्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। नियम- विधि और पूजा पाठ संकल्प के साथ इन प्रभावों को अनुकूल करने की हमारे भारतीय वांग्मय में दीर्घ परंपरा रही है।
दिनांक 16 जुलाई 2019 आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन मंगलवार की रात लगने वाले खग्रास चंद्रग्रहण का समय विवरण कुछ इस प्रकार है :- ग्रहण प्रारंभ रात्रि 1:31 बजे से है जबकि ग्रहण का मोक्ष रात्रि 4:30 बजे है। ग्रहण का सूतक समय 9 घंटे पूर्व यानी मंगलवार 16 जुलाई 2019 को अपराहन 4:30 बजे से आरंभ हो जाएगा।
विद्वान पंडितों ने इस स्थिति को देखते हुए कहा है कि 16 जुलाई 2019 की शाम को होने वाली पूजा अर्चना एवं अनुष्ठान अपराहन 4:00 बजे तक ही पूरे कर लिए जाने चाहिए। इसके लिए समय निर्धारित किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं :- गोधूलि आरती- अपराह्न 3:00 बजे तक, रात्रि भोग अपराह्न 3:30 बजे तक तथा शयन आरती अपराह्न 4:00 बजे तक ही किए जा सकेंगे।
Thanks for giving this information.