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श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदारगिरी में दस दिवसीय पर्वराज पर्यूषण आज से शुरू

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बांका Live डेस्क : जैन मतावलंबियों का सुप्रसिद्ध पर्युषण या दशलक्षण महापर्व शनिवार से प्रारंभ हो गया है. पर्यूषण पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष पंचमी से अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है. श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदार गिरी में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जा रहा है. यहां जैन मत के 12 वे तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का भव्य मंदिर एवं अनेक परंपरा चिह्न हैं.

मंदारगिरी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र के प्रबंधक पवन कुमार जैन ने बताया कि जैन समाज की तपस्या, संयम एवं श्रद्धा का पर्व पर्यूषण उत्तम क्षमा से शुरू होकर उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव,  उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, आकिंचन, ब्रह्मचर्य तक 10 दिनों का महत्वपूर्ण दिन होगा.

हलांकि सबसे प्रमुख बात है कि इस वर्ष पर्यूषण पर्व ग्यारह दिनों का होगा. इन दस दिनों तक श्रावक पूरे भक्ति-भाव के साथ भगवान की सेवा में लगे रहते हैं. इस दौरान वे अपने कठिन तपस्या और श्रद्धा का परिचय भी देते हैं. श्री  जैन बताते है कि कुछ जैन श्रद्धालु नीरा जल, फल, एक समय शुद्ध भोजन तथा अन्य तरह के त्याग कर पर्यूषण पर्व मनाते हैं.

आज प्रात: में जैन श्रदालुओ ने “श्री जी का अभिषेक करें हम नेक, शुद्ध जल द्वारा धूल जाये पाप हमारा” स्त्रोत पढने के बाद भगवान का जलाभिषेक किया गया. फिर पंचामृत अभिषेक शांतिधारा किया गया. इसके पश्चात विधिवत विशेष पूजा, समुच्चय पूजा, सोलहकारण पूजा, दसलक्षण धर्म पूजा की गई. जैन धर्म के चौबीसों तीर्थंकरों को अर्घ्य भी चढ़ाया गया.
         
क्षेत्र प्रबंधक पवन कुमार जैन ने बताया कि आज उत्तम क्षमा से पर्युषण पर्व की शुरुआत हुई. उत्तम क्षमा धर्म को एक वाक्य के माध्यम से बताया कि ‘गाली सुन खेद न आनौ, गुन को औगुन कहै अयानो’ अर्थात जो गाली सुन कर भी उसके मन में कोई खेद तक नही आया, वो क्षमाधारी है. अगर कोई किसी के बारे में गुण रहते उसे दुर्गुण कह दे फिर भी वह शांत है, कोई खेद नहीं है तो वह क्षमाधारी कहलाता है.

श्री जैन ने ये भी कहा कि उत्तम क्षमा को धारण करने से जीवन की समस्त कुटिलताएं समाप्त हो जाती हैं तथा मानव का समस्त प्राणी जगत से एक अनन्य मैत्रीभाव जागृत हो जाता है. आज संध्या को मंगल आरती, भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है. पूजन में श्रीकांत जैन, अखिलेश जैन, उपेंद्र कुमार, महेंद्र, शिल्पी जैन, चन्दा जैन सहित स्थानीय जैन समाज की भागीदारी रही.

मंदारगिरी प्रवीण कुमार जैन की रिपोर्ट


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