अमन, अकीदत और भाईचारे के साथ मना फर्ज- ए- कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-जुहा
बांका Live डेस्क : खुदा की राह में फर्ज- ए- कुर्बानी का त्यौहार ईद-उल-जुहा बांका सहित जिले भर में अमन, अकीदत और भाईचारे के साथ मनाया गया. इस अवसर पर अकीदतमंदों ने विशेष नमाज अता की. बड़ी संख्या में अकीदतमंद ईद-उल-जुहा की विशेष नमाज अदायगी के लिए विभिन्न ईदगाहों और मस्जिदों में पहुंचे. नमाज अदायगी के बाद उन्होंने एक दूसरे से गले मिलकर उन्हें मुबारकबाद देते हुए बकरे की कुर्बानी दी. हालांकि कुर्बानी की रस्म अदायगी तीन दिनों तक जारी रहेगी.
बांका शहर के जामा एवं नायब जामा मस्जिद में इस अवसर पर विशेष नमाज हुई. इससे पहले ईदगाह में भी सामूहिक नमाज के लिए भारी संख्या में अकीदतमंद एकत्रित हुए. इस बीच बांका शहर सहित जिले के विभिन्न गांव एवं कस्बों में ईद उल जुहा को लेकर हर्ष एवं उत्सव का माहौल है. ईद-उल-जुहा मना रहे कई बुजुर्गों ने बताया कि खुदा ने हज़रत इब्राहिम से उनकी कोई प्यारी चीज कुर्बानी के तौर पर मांगी थी.
हजरत इब्राहिम की औलाद उनकी सबसे खास चीज थी. उन्होंने छाती पर पत्थर रखकर और आंखों में पट्टी बांधकर अपने जान से प्यारे औलाद की कुर्बानी दी. लेकिन जब उन्होंने आंख खोली तो उन्हें अपनी औलाद सही सलामत मिली जबकि सामने कुर्बानी के तौर पर एक दुम्मा पड़ा था. तभी से खुदा की राह में फर्ज ए कुर्बानी का यह त्योहार मनाया जाता है जिस में आमतौर पर दुम्मा या बकरे की बलि चढ़ाई जाती है.