जल-जंगल-जमीन सुरक्षित है, तो हम हैं और हमारी जिंदगी सुरक्षित है : शशिकांत कुमार
उन्होंने कहा कि आज हम प्रकृति और पर्यावरण संतुलन को लेकर बेहद उदासीन हो गए हैं. गैर जिम्मेदारी का आलम यह है कि प्रकृति के नैसर्गिक स्वरूप का लगातार और बेरहम दोहन हो रहा है. इससे पर्यावरण संतुलन प्रतिकूल होता जा रहा है और हमारी जिंदगी असुरक्षित होती जा रही है. उन्होंने प्रकृति की रक्षा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण को सर्व सुलभ उपाय बताया. उन्होंने खासकर छात्र समुदाय से इस अभियान में बढ़ चढ़कर आगे आने की अपील की.
इस अवसर पर वन परिसर पदाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि प्रकृति की संरक्षा हम सभी का सामूहिक दायित्व है. अपने जीवन में हर व्यक्ति को पेड़ लगाना ही चाहिए. लेकिन इसके उलट हम पेड़ काटते जरूर है लेकिन इसे लगाने और संरक्षित- संवर्धित करने की दिशा में बिल्कुल उदासीन बने रहते हैं. हमें इस प्रवृति से तौबा करनी होगी.
बिशनपुर अमरपुर पंचायत के मुखिया सूर्यदेव सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रकृति से लगाव मनुष्य की उम्र दोगुनी करती है. जो प्रकृति के जितने नजदीक हैं उनकी आयु उतनी ही लंबी होती है. हम अपने आसपास से प्रकृति को उजाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पेड़ पौधों का रोपण कर तथा इनका संरक्षण कर हम प्रकृति को बचा सकते हैं, और क्योंकि तभी पर्यावरण संतुलित रह पायेगा और हमारा जीवन सुरक्षित रहेगा.
एसकेपी विद्या विहार के शिक्षक पर्यावरणविद् प्रवीण कुमार प्रणव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति और पेड़ पौधे सर्वोच्च गुरु और माता पिता से भी बढ़कर माने जाते हैं जो हमें पूरी जिंदगी उदारतापूर्वक प्रदान करते हैं. लेकिन हम प्रकृति के इस आभार को भूलते जा रहे हैं. उन्होंने प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए अधिकाधिक संख्या में पेड़ पौधों के रोपण और संरक्षण का आह्वान किया.
समारोह की अध्यक्षता एसकेपी विद्या विहार के प्राचार्य डॉक्टर मानस पाठक ने की जबकि इस अवसर पर शिक्षक डॉक्टर के सी मिश्रा, आशीष झा, वनपाल रामनगीना, वनरक्षी राहुल कुमार, पंकज सिंह, रामानुज, आनंद, रामानंद, चंद्रमोहन तथा दीपा, रेशम, प्रिया, विशाल, टुकटुक, पूर्णिमा, सौरव, आदर्श, अभिनव आदि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
■ बांका लाइव ब्यूरो