दुर्घटना के बाद मोबाइल दारोगा की कार्यशैली को लेकर उठ रहे सवाल
दरअसल बांका के मोबाइल दारोगा हरेराम सिंह शनिवार की देर रात एक मोटरसाइकिल के धक्के में बुरी तरह जख्मी हो गए. यह हादसा बौंसी थाना से कुछ दूर गुरुधाम के पास मुख्य मार्ग पर हुआ. बताया गया कि मोबाइल दारोगा हरेराम सिंह वहां घात लगाकर वाहनों की पड़ताल (?) के लिए खड़े थे. दुर्घटना में जख्मी होने के बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. लेकिन गंभीर हालत में डॉक्टर ने उन्हें भागलपुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर कर दिया. इस बीच जिले के डीटीओ के बाइक दुर्घटना में जख्मी होने की खबर अफवाह के तौर पर उड़ गई. हालांकि यह सच नहीं था. मोबाइल दारोगा का इलाज अभी चल रहा है.
जानकार सूत्र बताते हैं कि करीब 3 माह पूर्व बांका में पदस्थापित मोबाइल दारोगा की ड्यूटी पूरे जिले के लिए है. लेकिन उन्होंने भागलपुर- दुमका मुख्य मार्ग पर गुरुधाम बौंसी के पास एक होटल में अपना डेरा जमा रखा है. वह रोज शाम ढलने के बाद सड़कों पर निकलते हैं और इसी मार्ग पर बाराहाट से लेकर जिले की भलजोर सीमा तक चक्कर लगाते हुए वाहनों की जांच पड़ताल का उपक्रम करते हैं. यह मार्ग शराब तस्करों से लेकर ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही का मुख्य मार्ग है. लिहाजा यह सड़क दुधारु गाय बनी हुई है. जिले के अन्य मार्गों पर जाने की जहमत शायद ही कभी मोबाइल दारोगा उठाते रहे हैं. ऐसे में उनके मकसद और मंसूबे को लेकर क्षेत्र में तरह तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं. गत रात बाइक के धक्के से उनके जख्मी होने के पीछे भी लोग कुछ इसी तरह के प्रसंग का हवाला दे रहे हैं. बहरहाल कोई एक सवाल नहीं, बल्कि दर्जनों अनुत्तरित सवाल मोबाइल दारोगा की कार्यशैली और उनकी गतिविधियों को लेकर उठ रहे हैं, जिनका जवाब अभी कहीं से किसी को मिलने की गुंजाइश नहीं दिख रही.