बांका लाइव ब्यूरो : बांका शहर में रविवार की दोपहर उस वक्त भारी बवाल हो गया जब प्रशासन शहर की सड़कों पर से अतिक्रमण हटाने निकला था। प्रशासन की ओर से हालांकि कई दिनों से शहर के अतिक्रमणकारी दुकानदारों को उनके द्वारा अतिक्रमण हटा लिए जाने की चेतावनी दी जा रही थी। शनिवार तक इसके लिए डेड लाइन जारी किया गया था।
लेकिन शहर की सड़कों और इनके किनारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई दुकानों, झुग्गी झोपड़ियों और दूसरे निर्माण को हटाने की दिशा में कथित अतिक्रमणकारियों द्वारा कोई पहल नहीं की गई। लिहाजा अपनी पूर्व चेतावनी के अनुरूप प्रशासन अनुरुप प्रशासन ने रविवार को अतिक्रमण के खिलाफ अभियान एकबारगी शुरू किया।
अभियान की शुरुआत बांका शहर के गांधी चौक से की गई। जेसीबी की सहायता से बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान का नेतृत्व बांका के अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष कर रहे थे। अतिक्रमण हटाओ अभियान तोड़फोड़ के साथ गांधी चौक से कचहरी रोड होकर शिवाजी चौक की ओर बढ़ता चला जा रहा था।
यह अभियान शिवाजी चौक से ठीक पहले जमुआ पुल के पूरब काली पोखर जिसे अब कुछ लोग अहमदनगर के नाम से पुकारते हैं, के पास अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो वहां कई दुकानदारों ने प्रशासन के इस अभियान का जोरदार विरोध आरंभ कर दिया। कुछ लीडर टाइप दुकानदारों के आगे आने के बाद स्थानीय छोटे-मोटे दुकानदार भी आगे आ गए। उन्होंने भारी हंगामा शुरू कर दिया।
इस दौरान उनसे निपटने के लिए पुलिस के दो एक जवानों ने लाठी भी चटका दी। चर्चा है कि इसी दौरान एक स्थानीय दुकानदार को चोट लग गई और उसका सिर फट गया। इसके बाद तो विरोध कर रहे लोगों ने आसमान सिर पर उठा लिया। उन्होंने सड़क पर आगजनी शुरू कर दी। भारी मात्रा में टायर जलाकर उन्होंने सड़क को जाम कर दिया और स्थानीय प्रशासन के विरोध में नारे लगाने लगे।
इसी दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने भी अपना हाथ साफ किया। उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। हालांकि यह पथराव पुलिस और प्रशासन के खिलाफ कम, पास ही अवस्थित बांका के विधायक एवं पूर्व भूमि सुधार व राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल के आवास पर ज्यादा लक्ष्य हुआ। पथराव के साथ उन्होंने पूर्व मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की। पूर्व मंत्री के घर पर पथराव होने के साथ-साथ पूरे बवाल की सूचना मिलने पर अनुमंडल दंडाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी फौरन मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला।
घटना को लेकर अनुमंडल दंडाधिकारी ने कहा है कि अतिक्रमण हटा रहे प्रशासन के खिलाफ गैरकानूनी विरोध, तोड़फोड़ और पथराव करने वाले तत्वों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि यह पूरा घटनाक्रम रविवार दोपहर को हुआ जिससे शहर में अफरातफरी की स्थिति रही।
बांका शहर में अतिक्रमण कोई नई चीज नहीं है। लेकिन हाल ही में जिस तरह पूरे शहर के मुख्य मार्ग, चौक चौराहे और गली मोहल्ले तक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण कर भू माफियाओं ने अपने कब्जे में ले रखा है उसने कई बार यहां के प्रशासन को भी सवालिया दायरे में खड़ा किया है। प्रशासनिक स्तर पर शहर में कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए गए। लेकिन ये अभियान पानी में लाठी मारने जैसा साबित हुए। एक बार फिर से शहर में यह अभियान शुरू हुआ है तो पहले ही दिन जिस तरह अतिक्रमणकारियों ने अपनी दबिश दिखाने की कोशिश की है, तो बहुत संभव है कि प्रशासनिक महकमा इसे चुनौती के रूप में ले और शहरवासियों को अतिक्रमण से पूरी तरह मुक्ति दिलाए।