बांका LIVE डेस्क : बांका जिले में बालू के कारोबार से जुड़ी मौतों का सिलसिला आखिर कब रुकेगा? इसका जवाब ना तो जिले के जनप्रतिनिधियों के पास है और ना ही जिला प्रशासन के आला हुक्मरानों के पास. जिले में बालू माफियाओं की बढ़ती ताकत के सामने पुलिस प्रशासन भी पंगु होकर हाथ खड़ा कर देने की स्थिति में है. या यूं कहिए कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले में अपने हाथ खड़े ही कर दिए हैं. बांका सदर प्रखंड के मंझियारा से लेकर रजौन होते हुए अमरपुर प्रखंड के बेरमा घाट तक बालू के घाट लगातार रक्तरंजित होते रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों के दौरान इन घाटों पर दर्जनों जाने जा चुकी हैं.
जिले के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत चांदन नदी के वासुदेवपुर घाट पर मिली मनोज सिंह नामक युवक की लाश इस श्रृंखला की नवीनतम कड़ी है. मनोज सिंह तारडीह गांव का रहने वाला था. उसकी हत्या सिर कुचलकर की गई है. पुलिस के मुताबिक वह अच्छे खाते-पीते परिवार का था. लेकिन हाल के कुछ महीनों से उसका संबंध बालू माफियाओं से था. इस मामले में मनोज की पत्नी चंदा देवी के बयान पर भागलपुर जिला अंतर्गत जगदीशपुर थाना के रूपौली गांव निवासी संतोष चौधरी, अयोधी चौधरी एवं विंदेश्वरी चौबे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है.
मृतक मनोज सिंह के भाई निरंजन सिंह ने बताया कि मनोज पिछले कुछ दिनों से अपने ससुराल भागलपुर के महेशपुर में अपना घर बनाकर रह रहा था. पत्नी ने बताया कि प्राथमिकी में नामजद आरोपी मनोज सिंह को उसके घर से बुला ले गए थे. पति ने पवई जाने की बात कही थी. गत रात करीब 2:30 बजे फोन पर उससे बातचीत हुई लेकिन सुबह जानकारी मिली कि उसकी लाश बासुदेवपुर बालू घाट पर पड़ी है. पुलिस ने प्रारंभिक अनुसंधान के हवाले से बताया कि वह पवई गांव में किसी विवाद को सुलझाने के लिए गया था. ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व चांदन नदी के बेरमा बालू घाट पर भी एक युवक की लाश लगभग इसी हालत में बरामद की गई थी.