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मेयर को हटा नगर आयुक्त को क्रय व निविदा समिति का अध्यक्ष बनाने का विरोध

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बांका लाइव डेस्क : हाल ही झारखंड सरकार द्वारा राज्य की नगरपालिका लेखा एवं वित्त नियमावली में संशोधन किया गया है. नई व्यवस्था के तहत अब नगर निगम की क्रय और निविदा समिति के अध्यक्ष पद से मेयर को हटा कर इसकी जिम्मेवारी नगर आयुक्त के हवाले कर दी गई है. नगर आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति ही अब क्रय और निविदा के मामलों पर फैसला करेगी. सरकार के इस निर्णय को अलोकतांत्रिक बताते हुए इसका जम कर विरोध शुरु हो गया है.

अब नगर निगम में क्रय और निविदा संबंधी निर्णय मेयर की जगह नगर आयुक्त करेंगे. हाल ही झारखंड सरकार ने नगरपालिका लेखा एवं वित्त नियमावली में संशोधन करते हुए इसके लिए मेयर की जगह नगर आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमिटि को फैसला लेने का अधिकार देने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले पर कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी है. रांची,धनबाद और देवघर नगर निगम को इसमें शामिल किया गया है. सरकार के इस निर्णय से देवघर नगर निगम के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में व्यापक असंतोष है. जनप्रतिनिधि सरकार के इस फैसले की वैधानिकता पर ही अब सवाल उठा रहे हैं. उप महापौर, देवघर नगर निगम नीतू देवी ने झारखंड सरकार के इस निर्णय को बेहद अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक करार दिया है.

उधर स्थानीय स्तर पर सरकार के इस निर्णय की प्रति अधिकारी तक नहीं पहुंचने की बात अभी की जा रही है. हालांकि व्यवस्था में कुछ फेरबदल की पुष्टि अवश्य की जा रही है. संजय कुमार सिंह, नगर आयुक्त, देवघर नगर निगम
ने कुछ इसी तरह की बात कही. इस तरह के निर्णय की जरुरत सरकार को क्यों पड़ी, इसके पक्ष-विपक्ष में कई तर्क भी दिए जा रहे हैं. लेकिन ऐसे निर्णय को लोकशाही पर नौकरशाही को तरजीह देने की शुरुआत के तौर पर भी अवश्य देखा जा रहा है. ऐसे में निगम के जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका विरोध भी स्वाभाविक है.


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