ब्यूरो रिपोर्ट : बांका जिला इन दिनों हत्यारों का अभयारण्य बनता जा रहा है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार मिल रही ज्ञात और अज्ञात लाशें बहुत हद तक इस बात को सिद्ध भी कर रही हैं। विगत 2 दिनों के भीतर बांका जिले में चार लाशें मिली हैं, जिनमें एक किशोर और 2 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से तीन की पहचान नहीं हो पाई है। खास बात है कि ये लाशें आबादी वाले क्षेत्रों में पाई गई हैं। पुलिस इन मामलों की तहकीकात जरूर कर रही है, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है।
बांका जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लाशों के मिलने का सिलसिला कोई नया नहीं है। लेकिन इस सिलसिले में इधर कुछ ज्यादा ही तेजी आने से लोग सकते में हैं। पुलिस के लिए भी ऐसे मसले पहेलियां बनते जा रहे हैं। अमरपुर क्षेत्र ज्ञात और अज्ञात लाशों की बरामदगी के मामले में सबसे अव्वल रहा है। हालांकि बांका, रजौन, धोरैया आदि क्षेत्र भी बहुत पीछे नहीं रहे हैं। ऐसे तमाम मामलों में प्राथमिकी दर्ज होती हैं। फिर पुलिस अनुसंधान शुरू होता है। लेकिन निष्कर्ष क्या निकलता है, इस बात को लेकर आम आवाम अनजान ही बना रह जाता है।
पहाड़ों, जंगलों और पहाड़ी नदियों से आच्छादित बांका जिले के कुछ हिस्सों में अक्सर ज्ञात और अज्ञात शव मिलते रहे हैं। बांका सदर थाना क्षेत्र के ही सामुखिया मोड़ से शनिवार को एक महिला की लाश बरामद की गई। कुछ दिन पूर्व ककवारा के समीप जंगल से और इसके बाद जितारपुर के समीप चांदन नदी के तटबंध के पास झाड़ियों से एक युवक की लाश बरामद की गई थी।
उधर, अमरपुर क्षेत्र के भलुआर के समीप एक तालाब से 2 माह पूर्व बरामद एक महिला की लाश के बाद जेठौर पहाड़ के समीप भी लाशों के मिलने का सिलसिला जारी रहा। यह सिलसिला अभी जारी है। शुक्रवार को सिजुआ गांव के समीप इसी गांव के एक किशोर की तथा इसी दिन शाम को डूबौनी के समीप चांदन नदी से एक अज्ञात युवक की हाथ पांव कटी लाश बरामद की गई। यह सिलसिला फिर भी थमा नहीं। अगले ही दिन शनिवार को जनकपुर गांव के समीप एक अज्ञात महिला की लाश बरामद की गयी। लाख की पहचान नहीं हो पाई है। यह फेहरिस्त लंबी है।