बांका लाइव (चुनाव डेस्क) : बीजेपी महिला मोर्चा की बिहार प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुचित्रा कुमारी के कटोरिया विधानसभा क्षेत्र के एकदिवसीय दौरे ने क्षेत्र में बीजेपी की राजनीति को एकबारगी गरमा दिया है। राजनीतिक विश्लेषक भाजपा नेत्री सुचित्रा कुमारी के इस दौरे को कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की ओर से एक नए प्रयोग के तौर पर देख रहे हैं। क्षेत्र में बीजेपी की राजनीति में एकबारगी गर्माहट आ जाने के पीछे की मूल वजह भी यही है।

इस दौरे में सुचित्रा कुमारी ने स्थानीय स्तर पर युवाओं से जनसंवाद कायम किया। इस कार्यक्रम के जरिए उन्होंने क्षेत्र की युवा शक्ति को एकजुट करने की कोशिश की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के बीच जाकर उनसे संवाद स्थापित किया और उन्हें कोरोना से बचने/ बचाने के तौर तरीके की जानकारी दी। उन्हें मास्क एवं साबुन का भी वितरण किया। उन्होंने राधानगर में युवाओं के साथ बैठक की। इन कार्यक्रमों में स्थानीय युवाओं की बड़ी फौज भी उनके साथ रही। उन्होंने कटोरिया प्रखंड मुख्यालय पंचायत के मुखिया प्रदीप कुमार गुप्ता से भी संपर्क साधा और बातों ही बातों में क्षेत्र के दौरे के पीछे जुड़ी अपनी मंशा का भी संकेत दिया।
इन कार्यक्रमों में सुचित्रा कुमारी के पति जमुई जिला भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अभय कुमार यादव भी उनके साथ थे। सुचित्रा कुमारी जमुई जिले की रहने वाली हैं। कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में एकाएक उनके दौरे को लेकर क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं से लगायत आमजन भी बड़ी राजनीतिक कयास लगा रहे हैं। उनके इस कयास के पीछे की मूल वजह बिहार विधानसभा का आसन्न चुनाव है।
कटोरिया सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र है। यह क्षेत्र अनुसूचित जनजाति कोटि के लिए आरक्षित है। पिछली बार विधानसभा का चुनाव इस क्षेत्र से निक्की हेंब्रम ने लड़ा था और पराजित रही थीं। वर्ष 2015 में कटोरिया विधानसभा का चुनाव राजद प्रत्याशी स्वीटी सीमा हेंब्रम ने जीता था। इससे पहले निक्की हेंब्रम के ससुर सोनेलाल हेंब्रम कटोरिया क्षेत्र के विधायक रहे थे।
चुनाव हारने के बाद भी निक्की हेंब्रम को पार्टी में विशिष्ट स्थान मिलता रहा। उन्हें राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया गया। उनके ससुर सोनेलाल हेंब्रम को भी अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। दरअसल अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में आम अवधारणा है कि अनुसूचित जनजाति मतलब आदिवासी समुदाय।
लेकिन अनुसूचित जनजाति की प्रकाशित अनुसूची में अनेक जातियां सन्निहित हैं। सुचित्रा कुमारी उन्हीं में से एक गौड़ जाति से आती हैं। हालांकि उनके पति यादव हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की ओर से अपनी उम्मीदवारी का स्कोप टटोलने के इरादे से ही उनका कटोरिया क्षेत्र का यह दौरा आयोजित था। ऐसा राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं।
बहरहाल, इससे पहले तक कटोरिया क्षेत्र के लिए बीजेपी की ओर से सिर्फ एक नाम निक्की हेंब्रम का सामने आ रहा था। लेकिन सुचित्रा कुमारी के इस दौरे ने कटोरिया क्षेत्र में बीजेपी की उम्मीदवारी को लेकर प्रतियोगिता की स्थिति कायम कर दी है। हालांकि इस प्रतियोगिता में बाजी कौन मार ले जाता है, इस पर अंतिम निर्णय तो पार्टी आलाकमान को ही करना है।