कोई स्विमिंग पूल नहीं, यह बांका शहर का गांधी चौक है जनाब..

बांका Live रिपोर्ट : यह जो तस्वीर आप देख रहे हैं, इसके बारे में क्या अनुमान है आपका? कहां का हो सकता है? यदि आप इधर उधर की सोच रहे हैं, तो आप गलत हैं। जी हां..! यह तस्वीर बांका शहर की शान और हृदय स्थल कहे जाने वाले गांधी चौक की है, जो मामूली बारिश में ही स्विमिंग पूल का शक्ल अख्तियार कर लेता है।

बारिश के बाद गांधी चौक का नजारा

गांधी चौक बांका शहर का वीआईपी चौराहा है। बांका जिला मुख्यालय की शान है यह चौक। लेकिन थोड़ी सी वर्षा होते ही इसकी शान पानी में घुल जाती है। कारण वही, जल निकासी का कोई बंदोबस्त ना होना। गांधी चौक पर एक सघन बाजार भी है। 

दोपहर के बाद शहर की अधिकतम भीड़ इसी चौराहे पर होती है, जो देर शाम तक बनी रहती है। वाहनों की आवाजाही इस चौक पर बड़े पैमाने पर होती है। शहर के सबसे व्यस्त मार्ग कचहरी रोड पर होने और कटोरिया रोड से जुड़े होने की वजह से भी इस चौराहे की व्यस्तता सुबह से लेकर देर शाम तक बनी रहती है।

ऐसे में इस चौराहे पर जलजमाव की यह चरम स्थिति शहर के लोगों को पच नहीं पा रही। गांधी चौक पर नालियों का जाल है। इस चौराहे के आसपास सड़क के दोनों ओर प्रायः हर साल नाला निर्माण के नाम पर लाखों की लूट होती है। हाल ही में पुराने नाले की जगह यहां नगर परिषद की ओर से नया नाला बनाया गया। लेकिन लूट की साजिश करते हुए इस नाले की ऊंचाई सड़क से ढाई से 3 फीट ऊपर कर दी गई। फलस्वरुप, सड़क का पानी नालों में जाने की बजाय नाले का पानी सड़कों पर बहने लगा।

दरअसल, नाले का निर्माण ही बिल्कुल गलत तरीके से किया गया। चर्चा तो यह भी है कि कटोरिया रोड के पूरब और पश्चिम खासकर पूरब की तरफ नाले का निर्माण स्थानीय दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को अघोषित रूप से वैधता प्रदान करने की तत्कालीन प्रशासनिक पदाधिकारियों की साजिश का हिस्सा थी।
गांधी चौक से पानी निकासी का कोई बंदोबस्त नहीं होने से मामूली बारिश में ही यहां तालाब बन जाना आम बात हो गई है।

वाहन वाले तो किसी तरह इस तालाब में डूब उतरा के पार कर जाते हैं, लेकिन पैदल चलने वालों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। खासकर उस वक्त, जब कोई तालाबनुमा जलजमाव से होकर गुजर रहा होता है और तभी कोई वाहन फर्राटे से पानी की बौछार उड़ाते हुए वहां से गुजर जाता है। इस स्थिति में जलजमाव वाले गंदे पानी में नहा कर लोगों की क्या स्थिति होती है, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है!

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