चुप-चाप अपनी आग में जलती रहो ‘शराब’, दुनिया तो अर्ज़-ए-हाल से बे-आबरू करे तुझे..

बांका में जलती हुई शराब

बांका लाइव डेस्क : ‘चुप-चाप अपनी आग में जलती रहो ‘शराब’, दुनिया तो अर्ज़-ए-हाल से बे-आबरू करे तुझे..’ एक प्रसिद्ध शायर की प्रसिद्ध है ग़ज़ल की पंक्तियों की यह पैरोडी बिहार में शराबबंदी को लेकर सरकारी महकमों की अपील बन रही है। बांका जिले में बहुत कुछ यही अपील जप्त की गई तस्करी के शराब के विनष्टीकरण के दौरान दृष्टिगत हुई। शराब जलती रही और मदमस्त लौ के साथ धुएं के गुबार उठते रहे!

बांका कलेक्टर के आदेश के अनुरूप पुलिस थानों के 26 कांडों में जप्त करीब 667.700 लीटर शराब शनिवार को यहां विनष्ट कर दिए गए। विनष्ट किए गए शराब में 368.100 लीटर देसी शराब और बाकी 299.700 लीटर विदेशी शराब शामिल थी।

इनके अलावा उत्पाद विभाग के तीन विभिन्न कांडों में जप्त 5 लीटर देसी और 159.840 लीटर विदेशी यानी कुल 164.840 लीटर शराब भी शनिवार को इस आयोजन में नष्ट किए गए। शराब का यह विनष्टीकरण आयोजन अनुमंडल दंडाधिकारी बांका के पर्यवेक्षण में हुआ, जबकि इस मौके पर उत्पाद अधीक्षक मद्य निषेध बांका अरुण कुमार मिश्रा सहित अंचलाधिकारी बांका एवं उत्पाद विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

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