नहीं रहे फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह, लंबी बीमारी के बाद 91 वर्ष की उम्र में निधन, शोकाकुल हुआ पूरा देश

सेंट्रल डेस्क : देश के महान धावक मिल्खा सिंह का गत रात चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया। मिल्खा सिंह ने 91 वे वर्ष की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। देश के नाम को पूरी दुनिया में बुलंदियों पर पहुंचाने वाले महान धावक मिल्खा सिंह 4 बार एशियाई गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट थे।

इस दुखद खबर के मिलते ही खेल दुनियां के साथ साथ पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। देश के बड़े राजनेताओं के साथ साथ पूरे देश से शोकसंवेदनायें आ रहीं हैं। मिल्खा सिंह को मई में कोरोना होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां पर उनका इलाज चल रहा था।

वह 91 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार थे। ट्रैक एंड फील्ड में कई बार अपना रिकॉर्ड बनाने वाले मिल्खा सिंह ने पहली बार उस वक्त स्पोर्ट्स के प्रति अपनी रुचि दिखाई थी, जब वह इंडियन आर्मी में अपनी सेवा दे रहे थे। मिल्खा सिंह ने 1956 समर ओलंपिक मेलबॉर्न, 1960 समर ओलंपिक रोम और 1964 समर ओलंपिक टोक्यो में क्रमशः 3 बार भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

मिल्खा सिंह को पाकिस्तान के तत्कालीन वजीरे आजम ने उनकी धावकता से प्रभावित होते हुए उन्हें ‘द फ्लाइंग सिख’ की उपाधि से नवाजा था। मिल्खा सिंह विभिन्न खेल पुरस्कारों के साथ भारत के चौथे उच्चतम प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्मश्री से भी पुरस्कृत थे।

मिल्खा सिंह का बचपन बहुत ही मुश्किलों भरा रहा था। उनका जन्म उस वक्त के मुजफ्फरपुर सिटी पंजाब, ( जो अब मुजफ्फरपुर जिला पाकिस्तान है ) के गोविंदपुरा गाँव में हुआ था। भारत का विभाजन होने के बाद वह भारत में कई अनाथालय में रहे और कई शरणार्थी कैंपों में भी रहने को मजबूर रहे।

मगर बुरे वक्त और हालात से लड़ते हुए उन्होंने जो मुकाम हासिल की वह पूरे देश के लिए और आज की तारीख में हर एक युवा के लिए भी प्रेरणादायक हैं। खेल से अवकाश प्राप्त करने के पश्चात मिल्खा सिंह कई प्रकार के स्पोर्ट्स क्लब का प्रतिनिधित्व कर रहे थे तथा युवाओं को स्पोर्ट्स के प्रति जागरूक कर रहे थे। साल 2013 में निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा के द्वारा मिल्खा सिंह के ऊपर एक फिल्म भी बनाई गई है जिसमें जाने-माने अभिनेता फरहान अख्तर ने मिल्खा सिंह का किरदार निभाया था।

Exit mobile version