नेताओं को वोट की चिंता है, ग्रामीणों की जान का ग्राहक बनी इस क्षतिग्रस्त पुलिया की नहीं!

बांका लाइव ब्यूरो : बिहार विधानसभा चुनावों की दस्तक के साथ ही नेता और जनप्रतिनिधियों में अपनी अपनी सीट सुरक्षित रखने, टिकट प्राप्त करने और चुनाव जीतकर 5 वर्षों के लिए मजे की जिंदगी का कूपन प्राप्त करने की होड़ मची है। लेकिन बांका जिले के एक हिस्से के ग्रामीणों की जान पिछले 6 माह से खतरे में है। इसकी ओर किसी की नजर नहीं है।

बांका जिला अंतर्गत चांदन प्रखंड के बरफेड़ा तेतरिया पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 3 के ओझाबथान और कृष्णाडीह को जोड़ने वाली कच्ची ग्रामीण सड़क पर बनी एक पुलिया पिछले 6 माह से इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त है कि इसकी वजह से इस होकर पार करने वाले ग्रामीण तकरीबन हर दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। ग्रामीणों की जान खतरे में है।

लेकिन इसकी फिक्र ना तो पंचायत प्रतिनिधियों को है और ना ही विधायी संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों को, जो चुनाव के वक्त बड़ी-बड़ी बातें कर जनता से उनका समर्थन प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार होते हैं। एक बार फिर से चुनाव का मौसम है। गांव में आकर्षक नारों के साथ नेताओं के आने का सिलसिला तेज हो गया है। लेकिन उनके पास इस क्षतिग्रस्त पुलिया को देखने और इसका निदान निकालने की फुर्सत नहीं है।

खास बात है कि पंचायत के मुखिया का घर भी इसी वार्ड में है। लेकिन उन्हें भी इस टूटी हुई पुलिया से ग्रामीणों को हो रही परेशानी से शायद कोई लेना देना नहीं। ग्रामीणों के मुताबिक रात बेरात इस होकर गुजरने वाले लोग अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं।

कई बार माल मवेशी भी इस पुलिया में गिरकर चोटिल होते हैं। ग्रामीणों की जान खतरे में है। लेकिन इसकी चिंता किसी को नहीं है। ओझाबथान निवासी प्रमोद कुमार ने बताया कि इस बारे में कई बार उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर पदाधिकारियों तक का ध्यान आकृष्ट किया। लेकिन किसी ने इस टूटी हुई पुलिया की सुधि नहीं ली।

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