बांका नगर परिषद : बदल गया निज़ाम, निर्विरोध चेयरमैन चुने गए उपसभापति संतोष सिंह

बांका लाइव ब्यूरो : बांका नगर परिषद का निजाम आखिरकार बदल गया। बुधवार को आयोजित हुए नगर परिषद की विशेष असाधारण सभा में संतोष सिंह बांका नगर परिषद के चेयरमैन यानी सभापति चुन लिए गए। इस पद के लिए उनका अकेला नामांकन था, इसलिए वे निर्विरोध चुन लिए गए। यह चुनाव जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियुक्त विशेष चुनाव पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार चौधरी की देखरेख में संपन्न हुआ। संतोष सिंह पहले से ही बांका नगर परिषद के उप सभापति थे।

संतोष सिंह, बांका नगर परिषद के नवनिर्वाचित सभापति

बांका नगर परिषद के पूर्व सभापति रौनक सिंह के विरुद्ध गत 5 अक्टूबर को खुद उपसभापति संतोष सिंह ने ही अविश्वास प्रस्ताव लाया था जिस पर नगर परिषद के 21 वार्ड पार्षदों का समर्थन प्राप्त होने के बाद सभापति रौनक सिंह को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था। नियमानुसार इस पद के लिए एक माह के अंदर चुनाव कराना था। लिहाजा जिला पदाधिकारी ने इस चुनाव के लिए 4 नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी।

बांका नगर परिषद के वर्तमान समीकरण में जैसा कि पहले से अनुमान था, सभापति पद के लिए संतोष सिंह अकेले दावेदार के रूप में उभर कर सामने आए। बुधवार को हुए चुनाव में भी उनका एकल नामांकन रहा। फलस्वरूप चुनाव पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार चौधरी ने उन्हें बांका नगर परिषद के सभापति पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया। इस मौके पर अपर समाहर्ता चुनाव पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद रहे। कई अन्य पदाधिकारी भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहे।

चुनाव की प्रक्रिया बांका समाहरणालय के सभागार में पूर्वाहन 11:00 बजे से आरंभ हुई। इस मौके पर नगर परिषद के 22 वार्ड पार्षद शुरू से ही सभा में मौजूद रहे। बाकी 3 सदस्यों के आगमन के लिए 1 घंटे की प्रतीक्षा की गयी। दोपहर 12:15 बजे से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई। 12:30 बजे स्क्रुटनी की गई। इस प्रक्रिया के दौरान सभापति पद के लिए सिर्फ उपसभापति संतोष सिंह ने अपनी उम्मीदवारी पेश की। प्रतिद्वंद्वी के रूप में कोई सामने नहीं आया।

एक बजे के बाद चुनाव पदाधिकारी ने संतोष सिंह के बांका नगर परिषद के सभापति के तौर पर निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की। निर्विरोध सभापति निर्वाचित होने के बाद संतोष सिंह के समर्थकों और समर्थक वार्ड पार्षदों के बीच जश्न का माहौल रहा। संतोष सिंह पहले से ही बांका नगर परिषद के उपसभापति थे। लिहाजा सभापति चुने जाने के बाद उन्हें उपसभापति पद से इस्तीफा देना होगा। खास बात यह है कि यह इस्तीफा सभापति होने की हैसियत से वह खुद को ही देकर खुद स्वीकार करेंगे। बांका नगर निकाय के इतिहास में यह अनूठी और पहली घटना होगी।

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