बांका लाइव ब्यूरो : बांका की सड़कों पर सोमवार को प्रशासन की हनक दिखी। अतिक्रमण पर बुलडोजर चला और देखते ही देखते शहर की सूरत बदल गई। यह सब कुछ अचानक नहीं हुआ। इसके पीछे जिला प्रशासन की पिछले एक माह की मुसलसल तैयारी रही। अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन के इस अभियान को निर्बाध रखने के लिए भारी सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। शहर के सभी चौक चौराहे और मुख्य मार्गों पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। इस अभियान की अगुवाई अनुमंडल दंडाधिकारी मनोज कुमार चौधरी कर रहे थे।
बांका में अतिक्रमण और इसके खिलाफ प्रशासन का अभियान किसी लुका छुपी खेल की तरह रहा है। शहर में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की यह पहली कार्रवाई नहीं है। लेकिन इस ताजा कार्रवाई की शुरुआत करीब एक माह पूर्व कई दिनों की पूर्व चेतावनी के बाद की गई थी, जिसका शहर के शिवाजी चौक से सटे काली पोखर के समीप अतिक्रमणकारियों ने हिंसक विरोध कर दिया था। सड़क पर आगजनी कर रोड जाम कर दिया था। पथराव भी किया था, जिसे लेकर स्वयं अनुमंडल दंडाधिकारी की रिपोर्ट पर 9 नामजद एवं दर्जनों अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
विगत अभियान में शायद कुछ तकनीकी त्रुटि रह गई थी। लिहाजा तब अभियान को रोकते हुए इसकी पूरी तैयारी की गई। अतिक्रमणकारियों को सभी सरकारी एवं लोक मार्गों तथा चौक चौराहों से अतिक्रमण हटा लेने की एक माह तक मुसलसल चेतावनी दी गई। सड़कों की मापी कराई गई। अतिक्रमणकारियों को नोटिस दी गई। इस दौरान बड़े पैमाने पर स्वेच्छया अतिक्रमण हटाए भी गए। लेकिन जो अतिक्रमण रह गए, जहां अतिक्रमणकारियों ने ढिठाई की, वहां के लिए रविवार 27 दिसंबर प्रशासन की ओर से डेडलाइन रहा। 28 दिसंबर को प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ धावा बोल दिया।
अभियान की शुरुआत सोमवार सुबह गांधी चौक से कटोरिया रोड में हुई। गांधी चौक से ठीक आगे कटोरिया रोड में वीर कुंवर सिंह मैदान, गर्ल्स स्कूल के सामने और मदरसा के आसपास बड़े पैमाने पर अतिक्रमण रहने की वजह से प्रशासन को भारी तोड़फोड़ करना पड़ा। इस अभियान को संचालित करने के लिए दो जेसीबी और कई ट्रैक्टर लगाए गए थे। अभियान के निर्बाध संचालन हेतु भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। अभियान के आरंभिक दौर में अनुमंडल दंडाधिकारी के साथ-साथ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अंचलाधिकारी एवं नगर परिषद के सिटी मैनेजर समेत अनेक पदाधिकारी भी साथ रहे।