ब्यूरो रिपोर्ट : बांका जिले में अवैध बालू कारोबार का मतलब है ‘जिसकी लाठी, उसकी भैंस’। तभी तो जिले के विभिन्न घाटों पर रह रहकर वर्चस्व की लड़ाई में गोलीबारी और बम धमाके होते रहते हैं। ताजा मामला खड़ियारा के समीप का है जहां गत रात बालू के ही कारोबार में वर्चस्व स्थापना को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए। दोनों ओर से जमकर फायरिंग हुई और ताबड़तोड़ बम धमाके भी हुए।
गोलीबारी और बम धमाकों से पूरा इलाका दहल गया। लोगों की नींद हराम हो गयी। ज्ञात हो कि बांका शहर से लगे चांदन पुल के ध्वस्त हो जाने से नदी के उस पार का इलाका जिला मुख्यालय से इन दिनों लगभग आइसोलेट हो गया है। घटनास्थल हालांकि बांका एवं बाराहाट थाना क्षेत्र की सीमा पर पड़ता है। लेकिन यह इलाका बाराहाट क्षेत्र से काफी दूर है। वैसे बालू के जिस कारोबार को लेकर यह विवाद हुआ, उसका उद्गम स्थल बांका सदर थाना क्षेत्र में पड़ता है।
क्षेत्र के लोगों के मुताबिक खड़ियारा गांव के कुछ लोग अरसे से बालू के कारोबार में शामिल रहे हैं। उनके लिए बालू का उत्खनन मंझियारा, बाँकी आदि घाटों से होता रहा है। बालू उत्खनन के बाद भंडारण के लिए जिस स्थल का इस्तेमाल वे करते रहे, वहां तक पहुंचने का रास्ता विंडी से होकर गुजरता है। विंडी वालों ने जब सड़क खराब होने का वास्ता देकर उनके ट्रक आने जाने से रोक दिए तो उन्होंने ट्रैक्टरों से कारोबार शुरू कर दिया। यही नहीं रास्ता निकलवाने के लिए उन्होंने विंडी गांव के भी कुछ लोगों को अपने साथ शामिल कर लिया।
बताया गया कि मामला बालू उत्खनन और इसकी तिजारत से होने वाली विपुल आय पर खड़ियारा के ही एक अन्य गुट की नजर लग गई। उन्होंने भी बालू के कारोबार में हाथ आजमाने की कोशिश की। विवाद इसी बात को लेकर शुरू हुआ बताते हैं। गत रात इसी विवाद ने गंभीर रूप धारण कर लिया और दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। दोनों ओर से काफी देर तक जमकर फायरिंग हुई। इस दौरान रह रह कर बम धमाके भी हुए। बम और गोलियों के आदान-प्रदान में क्या रिजल्ट रहा, यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन बम और गोलियों के धमाके ने लोगों की नींद हराम कर इलाके की शांति को ग्रहण लगा दिया है।