लॉकडाउन-4 : बांका में गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ा रहे लोग, उमड़ने लगी है सड़कों पर भीड़

बांका लाइव ब्यूरो : बांका सहित पूरे बिहार में बुधवार से लॉक डाउन का चौथा चरण प्रभावी हो चुका है। इस चरण में सरकार ने दुकानों के दायरे और उनके खुलने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब एक तो अल्टरनेटिव दिनों में सभी दुकानें खुलेंगी और हर रोज आवश्यक चीजों की दुकानें दोपहर बाद 2:00 बजे तक खुली रहेंगी। लॉकडाउन के उपबंधों में सरकार की इस छूट को ज्यादातर लोग अनलॉक- 1 की प्रक्रिया मानने लगे हैं। यही वजह है कि लॉकडाउन के चौथे चरण के पहले ही दिन से यहां की सड़कों और बाजारों में भीड़ उमड़ने लगी है।

बांका शहर के कचहरी रोड का नजारा

कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने गत 5 मई से ही बिहार में लॉकडाउन लगा रखा है। एक जून को लॉक डाउन- 3 की मियाद पूरी हो गई। अलबत्ता लॉकडाउन- 4 की घोषणा कर दी गई जो 2 जून से 8 जून तक प्रभावी रहेगी। लॉकडाउन के इस चरण में अल्टरनेटिव दिनों के लिए सभी तरह की दुकानों के खोलने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है। साथ ही राज्य भर में दुकानों के खुलने का समय बढ़ा कर दोपहर बाद 2:00 बजे तक कर दिया गया है।

वैसे खाद्य सामग्री, फल- दूध, सब्जी, मांस- मछली के अलावा खाद, बीज कीटनाशक और कृषि यंत्रों की दुकानें इसी टाइम टेबल पर रोजाना खुलेंगी। लॉकडाउन के इस चरण में भी सभी धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद रहेंगे। स्कूल- कॉलेज, कोचिंग एवं ट्रेनिंग सेंटर समेत सभी शिक्षण संस्थान भी बंद रखने के आदेश हैं। परीक्षाओं का संचालन नहीं होगा। पार्क एवं शॉपिंग मॉल भी बंद रहेंगे। लेकिन इस तथ्य को इग्नोर करते हुए लोगों ने यहां लॉकडाउन के मूल उद्देश्यों की धज्जियां उड़ा रखी है।

लॉक डाउन का चौथा चरण आरंभ होने के बाद बुधवार से ही बांका शहर सहित जिलेभर के हाट- बाजारों में और चौक चौराहों पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। वैसे तो लॉकडाउन के पिछले चरणों में भी लगातार उमड़ती रही, लेकिन तब लोगों में लॉकडाउन के नियमों को लेकर जो कुछ संवेदनशीलता बची थी, वह इस चरण में नहीं देखी जा रही। सड़कों पर बेतरतीब भीड़ उमड़ रही है। वाहनों की आवाजाही का सिलसिला तेज हो गया है। दुकानों पर भीड़ लग रही है।

प्रशासन की आंख चुराकर प्रतिबंधित दिनों में भी कुछ ऐसी दुकानें खोली जा रही हैं जिन्हें एक दिन छोड़कर एक दिन खोलने की अनुमति है। खास बात है कि लॉकडाउन के चौथे चरण के शुरुआती पहले ही दिन से यहां प्रशासनिक गतिविधियों में सुस्ती देखी जा रही है। इसका गलत इस्तेमाल यहां के लोग कर रहे हैं। अपनी जिम्मेदारियों को भूल लोग कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की बजाए सड़कों- बाजारों और दुकानों में भीड़ लगाकर लॉकडाउन की मूल भावनाओं और उद्देश्यों की ऐसी की तैसी करने में लगे हैं।

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