उसके बाद चांदन प्रखंड कार्यालय पर भी वरीय पदाधिकारियों की नजर पड़ी। आनन फानन में प्रखंड विकास पदाधिकारी श्याम कुमार को जिला से मौखिक आदेश मिलने के बाद उन्होंने कुछ अभिलेख की जांच कराते हुए सिर्फ 3 साल में 25 चेक के माध्यम से 90 लाख रुपए गबन का मामला पकड़ा है । जबकि इस प्रखण्ड में उनका कार्यकाल 12 वर्ष रहा है। जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी का आरोप है कि तत्कालीन नाजिर शेलेन्द्र कुमार द्वारा चेक पर दस्तखत कराने के बाद उस चेक पर टेंपरिंग कर राशि बढ़ा लिया जाता था। और बढ़ी हुई राशि को अपने खाते में डाल कर अपने ही ए टी एम से निकासी की जाती थी।
थाने को दिए आवेदन के साथ प्रखंड कार्यालय का आंशिक जांच रिपोर्ट 287 पेज का भी संलग्न कर दिया गया है। साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी ने यह भी मांग किया है कि 12 वर्षों तक चांदन में नाजिर के पद पर रहे आरोपित शैलेंद्र कुमार के संपूर्ण कार्यकाल की जांच करानी आवश्यक है। क्योंकि इतने कम समय में ही इतनी बड़ी राशि का घोटाला होने से उनके पूरे कार्यकाल पर सवालिया निशान उठ गए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से शैलेंद्र कुमार के पूरे कार्यकाल के सभी अभिलेखों की जांच करते हुए अविलंब कार्रवाई करने की मांग किया है ।ज्ञात हो कि अभी तक जितना भी बड़ा घोटाला सामने आया है उसमें इसी प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यकाल में सबसे अधिक राशि निकासी हुई है। प्रखंड विकास पदाधिकारी श्याम कुमार का कहना है कि इतने बड़े घोटाले में बिना बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से इसे अंजाम तक पहुंचाया जाना संभव नहीं है।