बांका शहर लाइव : यह दृश्य बांका शहर में एक मोहल्ले के पहुंच पथ का है। मोहल्ला भी शहर के बाहरी हिस्से का नहीं बल्कि हृदय स्थल का, जिसके आसपास कोर्ट-कचहरी, जिला एवं सत्र न्यायालय, न्यायिक पदाधिकारियों के आवास, वन प्रमंडल कार्यालय, अधिवक्ता संघ भवन, कई नामी एवं प्रतिष्ठित स्कूलों के साथ साथ संभ्रांत रिहायशी कॉलोनी अवस्थित है।
इस मोहल्ले की त्रासदी एक तो रास्ते को लेकर है, दूसरी बड़ी त्रासदी मोहल्ले तक पहुंचने वाले मौजूदा पथ पर होने वाले जल जमाव की वजह से है। सदर थाना के सामने कोर्ट परिसर से आरएमके स्कूल के रास्ते डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन से पश्चिम पुराने एमआरडी हाई स्कूल भवन जहां अब कुछ रिहायशी मकान बन गए हैं तथा न्यायिक आवास परिसर के बीच से यह पथ निकला है जो मोहल्ले की करीब 10 हजार आबादी का एकमात्र रास्ता है।
इस रास्ते की स्थिति एक तो संकीर्ण है, ऊपर से एक 90 डिग्री का कोण बनाते हुए पुराने एमआरडी हाई स्कूल भवन जहां अब यह भवन नहीं बल्कि अनेक रिहायशी मकान और दूसरी ओर वन प्रमंडल परिसर है, के पास रोड पर सालों भर पानी जमा रहता है। मामूली बूंदाबांदी में यह स्थल तालाब बन जाता है। वैसे भी घरों से निकलने वाला पानी निकासी ना होने की वजह से इसी जगह इकट्ठा होता है। यह स्थिति करीब सालों भर बनी रहती है जिस से होकर गुजरना मोहल्ले के लोगों की नियति बन कर रह गई है।
ऐसा नहीं कि इधर नाला नहीं बना। नाला तो बने लेकिन उनकी सफाई नहीं हो रही। सफाई हो कर भी क्या फायदा, जब नाले के पानी की कोई निकासी ना हो। शहर की एक बड़ी त्रासदी यह है कि यहां नाले तो बड़े पैमाने पर बने लेकिन जल निकासी का कोई टेल एंड नहीं होने की वजह से नाले का पानी सड़कों पर बहने लगता है। लोगों की परेशानी दूनी हो जाती है। यही स्थिति इस मोहल्ले की है।
मामूली बूंदाबांदी और घरों से निकलने वाले पानी की वजह से तेज धूप और भीषण गर्मी के इस मौसम में भी यहां गंदे पानी का तालाब बना हुआ है जिसे पार करते हुए मोहल्ले के लोग सिर्फ अपनी परेशानी को कोस पाते हैं। उनके पास कर पाने के लिए कुछ नहीं होता। उन्हें यह जानकारी भी नहीं होती कि नगर प्रशासन के पास इस बारे में कोई अधिकार और दायित्व है कि नहीं, और अगर है तो इसके लिए किन्हें अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।