बौंसी ( बांका लाइव ब्यूरो) : यह एक नजीर है कि शिक्षा और जागरूकता के अभाव में किस तरह 21वीं सदी में भी लोग तांत्रिकों और झाड़-फूंक के चक्कर में अपनी जान तक गंवा रहे हैं। यह घटना सर्पदंश के एक मामले से जुड़ी है। सर्पदंश की शिकार 9 साल की एक बच्ची को उसके परिजन अस्पताल ले जाने की बजाय तांत्रिकों और झाड़-फूंक के चक्कर में घुमाते रहे और अंततः उसकी जान चली गई।

बांका जिला अंतर्गत बौंसी प्रखंड के महगुड़ी गांव की यह घटना है, जहां तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली 9 साल की सुलेखा कुमारी नामक एक बच्ची मंगलवार को सर्पदंश का शिकार हो गई। वह इसी गांव के अजीत यादव की पुत्री बताई गई है। परिजनों के अनुसार शाम को खेलते हुए उसके अपने ही घर में एक विषधर सांप ने उसे डंस लिया, जिसके बाद उसकी स्थिति गंभीर हो गई।
सर्पदंश के बाद बच्ची को उसके परिजन झाड़-फूंक के लिए चुआपानी गांव के एक तांत्रिक के पास ले गए। लेकिन वहां स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो उसे रेफरल अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। खास बात यह है कि चिकित्सक द्वारा उस बच्ची की मौत की पुष्टि कर दिए जाने के बाद भी उसके परिजन झाड़-फूंक के लिए इधर-उधर दौड़ रहे हैं।