ब्यूरो रिपोर्ट : स्वच्छता दूत के रूप में चर्चित दिनकर मिस्त्री का निधन हो गया। लंबी बीमारी के बाद कल रात उनका निधन हुआ। वह बांका जिला अंतर्गत झारखंड की सीमा से लगे चांदन प्रखंड मुख्यालय के निवासी थे। दिनकर मिस्त्री अपने पीछे दो बेटे एवं एक बेटी सहित भरा पूरा परिवार एवं शोक का सागर छोड़ गए हैं।

दिनकर मिस्त्री आर्थिक रूप से विपन्न परिवार के थे। लेकिन स्वच्छता के प्रति उनके जुनून ने उन्हें इलाके में काफी प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय बना रखा था। इलाके के लोग उन्हें स्वच्छता दूत के नाम से जानते थे। उनके निधन से चांदन तथा आसपास का इलाका शोक मग्न हो गया है।
स्थानीय बुद्धिजीवी, शिक्षक एवं स्वतंत्रता सेनानी परिवार के युवा समाजसेवी पंकज पांडेय ने बताया कि दिनकर मिस्त्री बेहद विनम्र और शालीन स्वभाव के थे। वह सबके प्रिय थे। लंबे अरसे से वह बीमार चल रहे थे। देवघर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। कल रात अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर इलाके में तेजी से फैल गई जिसके बाद शोक संवेदनाओं का सिलसिला शुरू हुआ।
ज्ञात हो कि दिनकर मिस्त्री स्वच्छता को दशकों से अपने जीवन की दिनचर्या बनाए हुए थे। सुबह उठकर चांदन बाजार के गांधी चौक से उनका सफाई अभियान शुरू होता था जो दुर्गा मंडप, काली मंडप एवं विश्वकर्मा मंडप होते हुए गली मोहल्ले तक संपन्न होने के बाद विराम लेता था।
अधिक उम्र हो जाने के बाद वह अस्वस्थ हो गए। बीमार पड़ने पर अर्थाभाव के कारण उनका बेहतर इलाज नहीं हो पाया। इस बात की चर्चा हर जगह होती रही। लेकिन स्थानीय मुखिया को छोड़ कोई उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया। आखिरकार बीमारियों के साथ-साथ जीवन और मौत से जूझते हुए उन्होंने इस दुनिया से विदा ले ली। उनके निधन पर अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने शोक संवेदनाएं प्रकट करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।