BANKA BIHAR : जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ बांका, यहां मनाए जा रहे विशेष उत्सव, उमड़ रहे श्रद्धालु

बांका लाइव ब्यूरो : श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बांका सहित संपूर्ण जिले में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का माहौल है। इस अवसर पर लोग व्रत रखकर श्रद्धा और भक्ति में लीन हैं। हर तरफ भजन- कीर्तन का स्वर गुंजित हो रहा है। मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन हो रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण से जुड़े मंदिरों को खास तौर से सजाया गया है। मंदिरों में पूजन करने वालों का तांता सुबह से लगा हुआ है।

बांका जिले में रही है विशेष परंपरा
बांका जिले में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन की खास परंपरा रही है। सदियों पूर्व यहां मंदार क्षेत्र में पधारे अनन्य श्री कृष्ण भक्त चैतन्य महाप्रभु के आगमन काल से ही यह परंपरा यहां कायम है। जिले के मंदार क्षेत्र स्थित भगवान मधुसूदन मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव ब्रज और मथुरा की तर्ज पर मनाया जाता है। आसपास के इलाके से हजारों लोग इस अवसर पर यहां पहुंचते और भगवान मधुसूदन श्री कृष्ण की जन्म लीला का दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं।

इसी क्षेत्र के जमदाहा ठाकुरबाड़ी, बांका शहर के पुरानी ठाकुरबाड़ी, चांदन क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिर आदि में भी इस अवसर पर विशेष श्री कृष्ण जन्मोत्सव आयोजित किए जाते हैं। जिले के अन्य श्री कृष्ण मंदिरों में भी जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी का खास ज्योतिषीय संयोग बना है, जिससे एक ही दिन पूरे जिले में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।

इस बार है द्वापर वाला ज्योतिषीय संयोग
पंडित ओम प्रकाश झा के मुताबिक द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा स्थित कंस के कारागार में जिस मुहूर्त में हुआ था, तकरीबन वही मुहूर्त इस बार भी बड़ी संयोग से बन रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अर्धरात्रि को अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा के वृषभ राशि में गोचर रहने के संयोग के साथ हुआ था। यही संयोग इस बार भी जन्माष्टमी पर बन रहा है।

मंगलवार को होगा दही- कादो का आयोजन
इधर श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भगवान मधुसूदन मंदिर में सोमवार से दो दिवसीय उत्सव आरंभ हो गया है। सोमवार की मध्यरात्रि भगवान श्री कृष्ण की जन्म लीला के पश्चात मधुसूदन मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस अवसर पर भगवान मधुसूदन को छप्पन भोग लगाया जाएगा। मंगलवार को भगवान के जन्म की खुशी में दही- कादो का आयोजन किया जाएगा। यह मधुसूदन मंदिर का एक विशेष आयोजन है जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

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