BIGBREAKING : कुर्मी महासंघ ने खोला बीजेपी विधायक व मंत्री रामनारायण मंडल के खिलाफ मोर्चा, किया रोषपूर्ण प्रदर्शन, पुतला फूंका

ब्यूरो रिपोर्ट : बांका विधानसभा क्षेत्र के भदरार गांव में आज कुर्मी महासंघ अंग प्रदेश की अपील पर बड़ी संख्या में कुर्मी समाज के लोगों का जुटान हुआ। कुर्मी समाज का यह जुटान गांव के बुजुर्गों के साथ स्थानीय बीजेपी विधायक व बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में आक्रोश प्रदर्शन के लिए हुआ था।

दूरदराज से भारी संख्या में गांव में पहुंचे कुर्मी समाज के लोगों ने विधायक सह मंत्री रामनारायण मंडल द्वारा गांव के लोगों के साथ किए गए दुर्व्यवहार को बेहद गंभीर मामला करार देते हुए अंतिम दम तक इसका विरोध करने की बात कही। उन्होंने कहा कि न सिर्फ मंत्री बल्कि उनके कार्यकर्ताओं ने भी गांव के बुजुर्ग लोगों के साथ गाली-गलौज की और अपने पद एवं रसूख की हनक दिखाई।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में कुर्मी समाज के लोगों ने क्षेत्र के बीजेपी विधायक एवं मंत्री रामनारायण मंडल के विरोध में आक्रोश मार्च एवं शव यात्रा निकाली। रोषपूर्ण प्रदर्शन करते हुए उन्होंने बाँका के बीजेपी विधायक व मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा उन्हें उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।

बाद में उन्होंने शव यात्रा जुलूस निकालकर मंत्री रामनारायण मंडल का पुतला दहन किया। इस अवसर पर भी जोरदार नारेबाजी एवं रोषपूर्ण प्रदर्शन हुआ। मौके पर मौजूद कुर्मी समाज के नेताओं ने कहा कि विगत विधानसभा चुनाव में क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करते हुए उनके समर्थन में राजद प्रत्याशी को मतदान किया था। 

क्योंकि उस वक्त जदयू का राजद के साथ गठबंधन था और राजद ने ही यहां से अपना प्रत्याशी दिया था। लेकिन गुरुवार को जब भदरार गांव के बुजुर्ग अपनी समस्याओं को लेकर मंत्री के पास पहुंचे तो उन्होंने उन्हें वोट नहीं देने की बात कह कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उनके साथ आए कार्यकर्ताओं ने भी गांव के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया। इसकी पूरा कुर्मी समाज तीव्र भर्त्सना करता है।

उन्होंने कहा कि भले ही जदयू का बीजेपी के साथ सरकार चलाने का संकल्प हो, लेकिन अगर ऐसे लोगों को यहां से फिर से एनडीए का प्रत्याशी बनाया जाता है तो उनका समर्थन करना कुर्मी समाज के लिए मुश्किल होगा। भदरार प्रकरण में कुर्मी समाज के इस स्टैंड से बांका जिले की राजनीति काफी गरमा गई है। न सिर्फ एनडीए बल्कि महागठबंधन से जुड़े कई प्रमुख घटक दलों में भी अंदर खाने सियासी चर्चा जोरों पर है। जो भी हो भदरार प्रकरण ने एनडीए के लिए एक विचित्र और असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है।

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