बांका/अमरपुर (बांका लाइव ब्यूरो) : बारिश शुरू होते ही गरीबी और मुफलिसी लोगों की जान लेने लगी है। न सिर्फ खेतों में काम करने वाले मजदूर वज्रपात का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे, बल्कि गरीब गुरबों के जीर्ण शीर्ण मकान भी ध्वस्त होकर उन्हें अपने मलबों की चपेट में लेकर उनकी बलि ले रहे हैं। विगत एक सप्ताह के भीतर बांका जिले में ऐसी तीन घटनाओं में दो बच्चों और एक महिला समेत तीन की जान जा चुकी है।
ताजा घटना बुधवार को बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कापरी टोला भलुआर में हुई जहां ईट की एक दीवार गिर जाने से इसके मलबे के नीचे दब कर सरोजनी देवी नामक महिला की मौत हो गई। मृतक की उम्र 60 वर्ष बताई गई और वह स्वर्गीय भासो यादव की पत्नी थी।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार सरोजिनी देवी का मकान ईंट और खपड़े का था जो काफी जर्जर था। पिछले कई दिनों से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश का दंश उसका मकान नहीं झेल सका। बारिश की वजह से जर्जर हो चुकी ईट की उसके घर की दीवार ढह गई जिसके मलबे के नीचे दबकर सरोजनी देवी की मौत हो गई।
दीवार गिरने की आवाज सुनकर घर व समाज के लोग दौड़े और सरोजनी देवी को तुरंत निकालने का भरसक प्रयास किया। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। काफी देर बाद उन्हें निकाला जा सका। लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी। फिर भी घायल समझकर सरोजनी देवी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ज्ञात हो कि इससे ठीक एक दिन पहले मंगलवार को शंभूगंज थाना क्षेत्र के बड़ी खजूरी गांव में मिट्टी के घर की दीवार गिर जाने से इसके मलबे के नीचे दब कर एक बच्ची की मौत हो गई थी जबकि इससे पहले गत शनिवार को भी बांका नगर क्षेत्र के देवता मनियारपुर मोहल्ले में बारिश के दौरान ईट का भट्टा गिर जाने से इसके नीचे दबकर एक 12 वर्षीय किशोर की मौत हो गई थी