बांका लाइव ब्यूरो : अमरपुर पुलिस पर बीते 10 दिनों के भीतर दूसरा बड़ा हमला हुआ है। दोनों ही बार थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। पिछली बार तो हमलावरों ने यहां तक हिमाकत की कि उन्होंने थाना पर चढ़कर हमला किया। तब पुलिस ने आधा दर्जन हमलावरों को गिरफ्तार भी कर लिया था।

रविवार को एक जमीन विवाद को सुलझाने गांव जाने पर असंतुष्ट पक्ष ने पुलिस पर हमला किया। इस हमले में पुलिस दस्ते को बैकफुट पर लौटना पड़ा। इस हमले में भी थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
अभी थाना पर हमला हुए 10 ही दिन बीते थे कि रविवार को थाना क्षेत्र के गदाल गांव में मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस दस्ते पर हुए हमले ने पिछली घटना की लगभग पुनरावृति कर दी। इस हमले में पुलिस दस्ते पर ग्रामीणों ने लाठी खंती और रोड़े पत्थर के साथ-साथ पारंपरिक तीर बिजल जैसे हथियारों का भी प्रयोग किया।
ग्रामीणों के खदेड़े जाने पर स्वयं थानाध्यक्ष एक गड्ढे में गिर गए जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। हमले में कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। हमलावरों ने पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिया। खबर तो यह भी है कि हमलावरों ने फायरिंग भी की। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
इससे पहले 28 मई को अमरपुर पुलिस थाना पर हुए हमले में भी थानाध्यक्ष समेत चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे। घटना 10 दिनों पूर्व की है जब अमरपुर पुलिस ने इसी थाना क्षेत्र के कटोरिया गांव निवासी एक वांटेड अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी का विरोध करते हुए करीब दो दर्जन ग्रामीणों ने सुबह सबेरे अमरपुर थाना पर हमला कर तोड़फोड़ और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी थी। हालांकि इस हमले के बाद पुलिस ने आधे दर्जन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था।
ये दोनों ही हमले लगभग एक जैसे रहे हैं। दोनों ही मामलों में हमलावर वे लोग रहे जो कानून को अपने हिसाब से चलाने की मनसा रखते हैं। पूर्व के हमले में जहां अभियुक्त की गिरफ्तारी का विरोध हुआ, वहीं रविवार के हमले में अदालती आदेश के बावजूद जमीन विवाद में एक पक्ष का हठ सामने आया। कुल मिलाकर अमरपुर पुलिस पिछले कुछ दिनों के भीतर लगातार कुछ असंतुष्ट लोगों के विरोध का निशाना बन रही है। कुछ सप्ताह पूर्व अवैध बालू कारोबार से जुड़े ट्रैक्टर पकड़े जाने के बाद बालू माफियाओं ने पुलिस दस्ते पर हमला कर पकड़े गए ट्रैक्टर छुड़ा लिए थे। गत वर्ष इसी थाना क्षेत्र के गौरीपुर के समीप बालू माफियाओं ने एसडीपीओ तक पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस प्रकार क्षेत्र में पुलिस पर लगातार हो रहे हमले के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई कारणों की दबी जुबान से चर्चा भी होने लगी है।