बांका लाइव ब्यूरो : कोरोना से आख़िरकार बांका में आज पहली मौत हो ही गयी। बांका शहर की ही निवासी एक कोरोना पीड़ित महिला की मौत लकड़ीकोला स्थित आइसोलेशन सेंटर में बुधवार की देर शाम हो गई। हालांकि महिला की मौत के बाद भी एक अप्रत्याशित ड्रामा चलता रहा। महिला को मृत घोषित किए जाने के लिए देर रात तक किसी क्वालिफाइड एलोपैथ चिकित्सक की प्रतीक्षा की जाती रही।
जानकारी के अनुसार बांका शहर के वार्ड नंबर 12 करहरिया मोहल्ले की यह महिला गत शनिवार को बांका के लकड़ीकोला स्थित आइसोलेशन सेंटर में भर्ती की गई थी। आइसोलेशन सेंटर में भर्ती रहते हुए महिला का ऑक्सीजन लेवल एकाएक काफी सैचुरेट करने लगा। इस स्थिति में स्थानीय स्तर पर सामान्य उपचार के बाद महिला को आइसोलेशन सेंटर में तैनात चिकित्सकों ने 13 जुलाई को भागलपुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर कर दिया।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के ही सूत्रों के मुताबिक महिला एवं उनके परिजनों ने भागलपुर मेडिकल कॉलेज जाने में असमर्थता व्यक्त करते हुए बांका में ही उनके इलाज की मांग मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन से की। इस बीच महिला की स्थिति लगातार बिगड़ती गई। बुधवार की शाम उनकी हालत बिल्कुल खराब हो गई। आखिरकार श्वास लेने में हो रही गंभीर तकलीफों के बीच महिला की मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय सूत्रों ने बताया कि पहले से महिला का इलाज भागलपुर में चल रहा था। लेकिन लाक्षणिक तौर पर कोरोना की आशंका होने पर उन्हें वापस भेज दिया गया। बांका में कराए गए सैंपल टेस्ट में महिला कोरोना पॉजिटिव निकली। इसके बाद गत शनिवार को उन्हें लकड़ीकोला स्थित आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार को उनकी मौत हो गई।
इधर बुधवार की शाम मौत हो जाने के बाद भी महिला को घंटों मृत घोषित नहीं किया जा सका। दरअसल आइसोलेशन सेंटर में स्वास्थ्य प्रशासन ने सिर्फ आयुष चिकित्सकों को ही तैनात कर रखा है, जो महिला को मृत घोषित करने में और सहज और असमर्थ महसूस कर रहे थे। इस कार्य के लिए उन्हें किसी एमबीबीएस डॉक्टर की प्रतीक्षा थी।
लिहाजा महिला की मौत हो जाने के बाद भी वेंटिलेटर पर रखकर उन्हें कृत्रिम तौर पर ऑक्सीजन देने का उपक्रम किया जा रहा था ताकि उनकी मौत का इल्म किसी को ना हो पाए। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के ही कुछ सूत्रों ने दबी जुबान से इस बात की तस्दीक की कि महिला की मौत काफी देर पूर्व हो चुकी है। इन सूत्रों के मुताबिक अब मृत महिला के शव को रैप एवं डिस्पोजल किए जाने की समस्या थी, जिसके लिए आम तौर पर कोई भी तैयार होने से पहले सौ बार सोचते हैं। इस बीच देर रात महिला के शव को लेने के लिए एंबुलेंस भी आइसोलेशन सेंटर पहुंच गया है। इधर बुधवार की रात करीब 11 बजे के आसपास महिला की मौत की आखिरकार एक एमबीबीएस डॉक्टर के पहुंचने के बाद पुष्टि कर दी गई।