बांका (ब्यूरो रिपोर्ट) : देशभर में विवाद और चर्चा का विषय बन रही अग्निपथ योजना को लेकर जारी विरोध के बीच शनिवार को विभिन्न राजनीतिक एवं छात्र युवा- संगठनों द्वारा आहूत बंद का बांका में मिलाजुला असर रहा। तकरीबन जिले भर में बाजार, दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान आम दिनों की तरह खुले रहे। सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज सामान्य रूप से चला। शिक्षण संस्थानों पर भी बंद का बहुत असर नहीं देखा गया। कुछेक निजी शिक्षण संस्थान जरूर बंद रहे।
दरअसल अग्निपथ योजना के विरोध स्वरूप आहूत बंद को लेकर इसे सफल बनाने के लिए आयोजक संगठनों द्वारा काफी प्रचार प्रसार किया गया था। लेकिन इन सबके बावजूद बांका सहित जिले में इसका बहुत असर नहीं देखा गया। जनजीवन आमतौर पर सामान्य रहा। सुबह- सबेरे हालांकि बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान कुछ देर से खुले। व्यापारी वर्ग शायद बंद समर्थकों का रुख़ भांपने की कोशिश में कुछ देर के लिए अपने व्यवसाय शुरू करने से रुके रहे। लेकिन सब कुछ सामान्य देखने के बाद उन्होंने अपना कामकाज भी सामान्य रूप से चालू कर दिया।
विभिन्न सरकारी दफ्तरों, स्कूल- कॉलेजों आदि में कामकाज आम दिनों की तरह जारी रहा। बाजारों में हालांकि चहल पहल बहुत कम रही। लेकिन इसकी एक बड़ी वजह भीषण गर्मी भी मानी जा रही है। बंद के आह्वान को देखते हुए हालांकि यातायात अपेक्षाकृत प्रभावित हुई। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का परिचालन बंद को देखते हुए एहतियातन जिले की सड़कों पर शनिवार को प्रभावित हुआ। लंबी दूरी के यात्री वाहन बहुत कम चले। लेकिन टेंपो, टैक्सी आदि का परिचालन आमतौर पर सामान्य रहा।
बंद के आह्वान को देखते हुए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह चुस्त और चौकस रहा। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या बंद समर्थकों के दबाव आदि की आशंका को देखते हुए बांका सहित जिले भर में सुरक्षाबलों की गश्ती काफी तेज रही। सरकारी दफ्तरों, विभिन्न चौक चौराहों, बीजेपी कार्यालय, संसदीय जनप्रतिनिधियों के आवास, रेलवे स्टेशन एवं प्रमुख मार्गों पर सुरक्षाबलों की दंडाधिकारी के नेतृत्व में तैनाती रही। बाजारों और मंडियों में भी सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त रहे। वरीय पदाधिकारी भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए रहे। बंद को लेकर कहीं से किसी गड़बड़ी या अशांति की सूचना नहीं है।