बांका लाइव ब्यूरो : कन्या नक्षत्र की बारिश ने इस क्षेत्र में किसानों को भारी राहत दी है। ताजा बारिश से सूख रहे धान के पौधे पुनर्जीवित हुए हैं। इससे कम से कम उन किसानों के चेहरे की रौनक लौट आई है जो किसी तरह पानी का जुगाड़ कर रोपाई कर पाए थे। वैसे इस बार जिले में खरीफ की स्थिति ठीक नहीं है।
एक गैर सरकारी आकलन के मुताबिक इस बार जिले में धान की खेती के योग्य आधी से अधिक भूमि परती रह गई। लगभग 50 फ़ीसदी तक ही रोपाई हो पायी। वर्षापात और नहरिया सिंचाई के अभाव में इस बार जिले में किसान बहुत प्रयास करने के बाद भी अपने आधे खेतों में ही रोपाई कर पाए। ऊपर से सिंह और पूर्वा नक्षत्र में आसमान पूरी तरह धोखा दे गया।
बारिश की बूंदों के लिए इन दोनों ही नक्षत्रों में यहां के किसान तरस गए। खेत सुख कर फट गए और खेतों में लगी फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गए। किसान इस त्रासदी को झेलते हुए नहरों की ओर टकटकी लगाए थे कि अगर जिले की प्रमुख नदियों के दक्षिणी जल ग्रहण क्षेत्र में थोड़ी भी बारिश हुई तो डैम से पानी छोड़ा जा सकता है।
कन्या नक्षत्र ने अपनी विदाई की बेला में आखिरकार किसानों को राहत पहुंचायी। परसों से क्षेत्र में बारिश शुरू हुई है। कल और आज आसमान जमकर बरसा है। इससे उन खेतों की हरियाली वापस लौट आई है जहां धान की रोपाई किसी तरह की जा सकी थी और किसान उन्हें बचाने की चिंता में थके जा रहे थे।
इधर कल से इस क्षेत्र में शुरू हुई झमाझम बारिश ने किसानों को तो जरूर राहत पहुंचाई लेकिन बाजारों की स्थिति को बेहाल कर के रख दिया है। आज लगातार दिनभर बारिश होने की वजह से जिला मुख्यालय सहित बांका जिले के लगभग तमाम बाजारों में व्यवसाय नहीं के बराबर हुए। अत्यंत जरूरी कामकाज से ही लोग घरों से बाहर निकल पाये।
बारिश रिमझिम ही सही थमने का नाम नहीं ले रही। बारिश में घरों से बाहर नहीं निकल पाने की मजबूरी से जहां आम लोगों को अपनी जरूरत की चीजों की खरीदारी भी रोकनी पड़ी है वहीं खरीदारों के अभाव में आज बाजार की भी रौनक बिल्कुल फीकी रही। दिनभर सड़कों पर लगभग सुनेपन की स्थिति रही।