बांका लाइव डेस्क : बांका में इस बार भले ही दशहरा मेले की रंगत फीकी रही हो, लेकिन श्रद्धा और भक्ति से सराबोर श्रद्धालुओं की पहुंच तमाम बंदिशों और सरकारी गाइडलाइंस के बावजूद देवी मंदिरों में इस बार भी कम नहीं रही। बल्कि कई मायने में मंदिरों में इस वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान श्रद्धालुओं की मौजूदगी कुछ ज्यादा ही रही। प्रशासन की ओर से दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर दो दर्जन से ज्यादा बिंदुओं पर गाइडलाइंस जारी किए गए थे। गाइडलाइंस के अनुपालन और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ-साथ मंदिर की रोजमर्रा की व्यवस्था के संधारण और संचालन की जिम्मेदारी अनेक स्तरों पर स्वयंसेवकों ने ही संभाली।
बांका शहर के बीचो बीच अवस्थित लक्ष्मीनारायण पुरानी ठाकुरबाड़ी स्थित देवी मंडप में आयोजित दुर्गा पूजा के संधारण और संचालन की जिम्मेदारी इस वर्ष किशोर वय के नौजवानों की एक उत्साही टीम ने कुशलतापूर्वक संभाली। मंदिर में लगातार उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ के कुशलतापूर्वक नियंत्रण एवं अनुशासन व्यवस्था संधारण के साथ-साथ पूजा पाठ की दिनचर्या से जुड़ी जरूरतों एवं प्रसाद वितरण के संपूर्ण क्रियाकलापों का संचालन नौजवान स्वयं सेवकों की इस टीम ने बखूबी और कुशलता पूर्वक किया।
इस टीम में किशोर वय के स्वयंसवकों के अलावा बाल उम्र के स्वयंसेवकों ने भी बढ़ चढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। वीणा सेवक समाज से जुड़े नई पीढ़ी के इन स्वयंसेवकों में मिलन कुमार चौधरी, उमंग कुमार, तुषार राजहंस, शिवम कुमार, नीतीश कुमार यादव, प्रिंस राय, करणवीर राय, प्रियांशु कुमार, तरुण सिन्हा, रिशु, आदित्य अभिषेक उर्फ सोहम तथा मितेश कुमार शामिल रहे। स्वयं सेवकों का नेतृत्व मिलन कुमार चौधरी कर रहे थे।
खास बात यह रही कि इस बार इन नौजवान स्वयंसेवकों ने एक खास ड्रेस कोड का भी अनुपालन किया, ताकि आगंतुक श्रद्धालुओं को किसी सेवा सहयोग की जरूरत पर उन्हें मंदिर प्रबंधन से जुड़े स्वयंसवकों की तलाश में कहीं कोई परेशानी ना हो। भगवा जर्सी में इन स्वयंसेवकों को दूर से ही देखा और पहचाना जा सकता था। फलस्वरूप श्रद्धालुओं को इनकी सेवा और इनका सहयोग प्राप्त करने में कहीं कोई परेशानी भी नहीं हुई। पुलिस प्रशासन की मंदिर परिसर में प्रतिनियुक्त टीम को भी इन स्वयंसेवकों ने भरपूर सहयोग किया।