कटोरिया (रितेश सिंह) : सावन का पवित्र माह चल रहा है। लेकिन सुल्तानगंज से देवघर तक कांवरिया पथ में वीरानी छाई हुई है। दो साल से सुनसान कांवरिया पथ में प्रशासनिक देख-रेख के अभाव में लाखों रुपये की लागत से बनी सरकारी संपत्ति को नष्ट किया जा रहा है। लेकिन इस ओर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान नहीं है।
बता दें कि वर्ष 2019 में तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार के प्रयास पर कांवरिया पथ को सुसज्जित करने के लिए व थके-हारे कांवरियों को बैठकर आराम करने के लिए बांका जिले में पड़ने वाले कांवरिया पथ में जगह-जगह कुल 3366 आरसीसी बेंच लगाया गया था। साथ ही कांवर को रखने के लिए कांवर स्टैंड भी लगाया गया था।
वहीं तत्कालीन डीएम द्वारा बताया गया था कि इन सब संसाधनों की देखरेख बीडीओ एवं पुलिस पदाधिकारी के जिम्मे होगी। लेकिन इस ओर किसी को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं है। जिसका परिणाम है कि कई जगहों पर इन संसाधनों को असामाजिक तत्वों द्वारा नष्ट कर दिया गया है।
सुईया थाना क्षेत्र के आमाटिल्हा, लोहटनियां गांव, अबरखा सहित कई जगहों पर कांवरिया पथ में लगे कई आरसीसी बेंचों एवं कांवर स्टैंड को तोड़ कर दो भाग में बांट दिया गया है। वहीं कई जगहों पर कांवरिया पथ से सटे आरसीसी बेंच को गाय बांधने के खूंटे के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन मामलों से अनभिज्ञ हैं। जिसका फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं। मेले का आयोजन नहीं होने से कोई भी अधिकारी कांवरिया पथ में सरकारी संसाधनों के तरफ झांकने भी नहीं पहुंच रहे हैं। फिलहाल अगर इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो बची हुई सरकारी संसाधन भी नष्ट हो जाएगी।