पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) : बिहार में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल होने वाले नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही उनके तबादले की नीतियों को लेकर संशय और सवाल उठते रहे हैं। नियोजित शिक्षक भी रेगुलर शिक्षकों की तरह सुविधाओं की मांग करते रहे हैं। लेकिन इस संबंध में राज्य सरकार की नीतियों और नियमावली में शायद कुछ खास ऐसा स्पष्ट नहीं है जिससे नियोजित शिक्षकों के संशय का समाधान हो सके। इन सबके बीच बिहार में नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर राज्य सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में एक बड़ी घोषणा की है।
राज्य सरकार ने आज मंगलवार को नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण के मुद्दे को लेकर विधानसभा में जानकारी दी कि वर्तमान नियोजन प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल के जरिए अंतर नियोजन इकाई में ऐच्छिक स्थानांतरण की सुविधा इच्छुक शिक्षकों को दी जाएगी। विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान मंगलवार को बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में दिव्यांग एवं महिला शिक्षकों को एक बार के लिए ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ अंतर नियोजन इकाई में दिए जाने की व्यवस्था है। लेकिन इसके लिए मौजूदा नियोजन प्रक्रिया के पूर्ण होने की प्रतीक्षा की जा रही है। यह प्रक्रिया पूरी होते ही शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल के माध्यम से स्थानांतरण की पहल शुरू की जाएगी।
इस बीच सत्ताधारी गठबंधन में शामिल पार्टी बीजेपी के एक विधायक संजय सरावगी के एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जोर देकर कहा कि सरकार राज्य में शिक्षा के स्तर में लगातार सुधार कर रही है। राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार की प्रक्रिया आगे भी लगातार जारी रहेगी। बीजेपी विधायक ने नेशनल अचीवमेंट सर्वे के हवाले से सरकार से यह जानने की इच्छा व्यक्त की थी कि क्या बिहार में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे शिक्षा को बेहतर तरीके से नहीं समझ पा रहे!