बांका लाइव ब्यूरो : बिहार में पंचायत चुनावों के लिए हालांकि अभी तारीखें मुकर्रर नहीं हुई हैं, लेकिन इस चुनाव को लेकर सरगर्मी अभी से अपने उफान पर है। संभावित प्रत्याशी अपने-अपने स्तर से इन चुनावों को लेकर तैयारियां आरंभ कर चुके हैं। ऐसे संभावित प्रत्याशी एक और जहां नामांकन के लिए जरूरी कागजात जुटाने में लगे हैं तो दूसरी ओर अपने निर्वाचन क्षेत्र के अधिकाधिक मतदाताओं को रिझाने के लिए उन्होंने अभी से अभियान शुरू कर दिया है।
पंचायत चुनाव को लेकर मतदाताओं के बीच संपर्क अभियान में तो संभावित प्रत्याशियों को ज्यादा दिक्कत पेश नहीं आ रही, लेकिन उन्हें नामांकन के लिए जरूरी कागजात जुटाने में अतिरिक्त मशक्कत जरूर करनी पड़ रही है। प्रत्याशियों को सर्वाधिक चिंता नामांकन पत्र के साथ चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र दाखिल करने की थी, जिसके लिए उनकी लंबी लंबी कतारें संबंधित दफ्तरों की दहलीज पर लगातार लग रही थीं।
इसी बीच पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। जिला पंचायती राज कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत चुनावों के प्रत्याशियों को नामांकन के लिए अब चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं होगा। राज्य निर्वाचन आयोग के एक निर्देश ने भी पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों को नामांकन के लिए चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र दिए जाने संबंधी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।
निर्वाचन आयोग के निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि पंचायत चुनाव में किसी भी पद के प्रत्याशी के लिए नामांकन के साथ चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र दाखिल किए जाने की बाध्यता नहीं है। बल्कि बिहार पंचायती राज अधिनियम के मुताबिक कोई भी ऐसा शख्स चुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकता है जिसका नाम पंचायत निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है और उन्हें पंचायत निर्वाचन में प्रत्याशी बनने की अर्हता से वंचित नहीं किया गया है।