बांका लाइव ब्यूरो : बांका जिले का लाइफ लाइन कहा जाने वाला बांका शहर से लगी चांदन नदी पर स्थित पुल पिछले 2 वर्षों से ध्वस्त है। हालांकि यह पुल बनने के सिर्फ 22 वर्षों में ही ध्वस्त हो गया जिसकी जांच की मांग समय-समय पर उठती रही है। पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद जिले के नेताओं की बयानबाजी से यहां के लोगों को उम्मीद जगी थी कि जल्द ही इसका पुनर्निर्माण होगा। कम से कम पक्की डायवर्सन तो जरूर बन जाएगा।

गत वर्ष चुनाव के समय क्षतिग्रस्त पुल के दक्षिण एक अस्थाई काम चलाऊ डायवर्सन जरूर बनाया गया, ताकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान छोटे वाहनों की आवाजाही नदी से होकर जारी हो सके। हालांकि इसके निर्माण में भी लूट की कहानी अलग है।
तब पुल और पक्की डायवर्सन के निर्माण को लेकर भी आधारशिला रखी गई और एक राजनीतिक दल ने इसके लिए खूब वाहवाही बटोरने की भी कोशिश की। यहां के लोग उस दल के नेताओं के बहकावे में आ गए और उनकी घोषणाओं को पक्की समझ बैठे।
हालांकि यहां के कुछ नेता पुल के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही 3 महीने में इसके पुनर्निर्माण का डंका पीटने लगे थे। लेकिन होना- जाना कुछ नहीं था, सो नहीं हुआ।
इधर साल दर साल बीत चुके हैं। लेकिन चांदन पुल के पुनर्निर्माण को लेकर अब तक टेंडर भी नहीं हो सका है। खास बात तो यह कि पक्की डायवर्सन के निर्माण का भी काम अब तक शुरू नहीं हो सका है।
जबकि पुराने पुल के ठीक उत्तर पक्की डायवर्सन का निर्माण किया जाना है क्योंकि पुल निर्माण में कई वर्ष लग सकते हैं। इसके निर्माण में भी अब तक हाथ नहीं लग सका है।
अब जबकि बरसात की शुरुआत हो चुकी है लोग एक बार फिर बांका जिले के दो भागों में अलग-थलग पड़ जाने की आशंका में अभी से भयभीत हैं। क्योंकि वर्तमान अस्थाई डायवर्सन थोड़े से पानी के बहाव में भी हिलने डुलने लगता है और यह कभी भी बिखर सकता है। और इस बात का डेमोंसट्रेशन गत वर्ष हो चुका है।