बांका लाइव ब्यूरो : बांका सहित जिलेभर में हर्षोल्लास व भाईचारे के साथ ईद मनाई गई। पवित्र रमजान में महीने भर अल्लाह की इबादत के साथ रोजा रखने के बाद सोमवार को यहां ईद मनाई गई।
इस बार यहां की ईद कुछ खास रही। अकीदतमंदों ने इस बार ईद की नमाज ईदगाह और मस्जिदों की जगह अपने अपने घरों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पढ़ी। ईद और रमजान के दीर्घ इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ।
कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए इस बार रमजान के दौरान भी मस्जिदों में अकीदतमंदों की भीड़ नहीं उमड़ी। लोगों ने अपने-अपने घरों में अल्लाह की इबादत और अकीदत की। ईद के दिन भी लोगों ने अपने घरों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ईद की नमाज अदायगी की।
रमजान का पवित्र महीना इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना माना जाता है। इस पूरे महीने में अल्लाह की इबादत की जाती है और बंदे रोजा रखते हैं। इस महीने के बाद दसवां महीना शव्वल शुरू होता है और उसकी पहली चांद वाली रात को ईद की रात कहते हैं। इस चांद को देखे जाने के बाद ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है। इस्लाम का यह सबसे बड़ा त्यौहार है। यह भाईचारे का पर्व है। इस त्यौहार पर सोमवार को यहां लोगों ने सेवई और मिठाइयों के साथ एक दूसरे को सलामती एवं मिल्लत की दुआएं दीं।