बांका लाइव ब्यूरो : पंचायती राज विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए बाजार से मास्क खरीद करने वाले मुखिया पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। पंचायती राज विभाग ने सभी मुखिया को जीविका दीदी, खादी भंडार एवं स्थानीय स्तर पर बनाए जाने वाले मास्क की खरीद करने का निर्देश दिया था।
बिहार में मुखिया का कार्यकाल आगामी 15 जून को समाप्त हो रहा है। लेकिन इससे पहले ही मुखिया जी की टेंशन काफी बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार कोरोना महामारी के दौर में बड़ी संख्या में मुखियों ने मास्क वितरण के नाम पर सरकार को खूब चुना लगाया है। सरकार अब उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
ज्ञात हो कि हाल ही में पटना जिले में मास्क की खरीद और उनके वितरण में वित्तीय अनियमितता करने वाले मुखिया पर कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं। मास्क के वितरण के नाम पर सरकारी धन की लूट करने वाले मुखिया के खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक पटना जिला अंतर्गत फतुहा प्रखंड के करीब दर्जनभर पंचायतों में सरकारी दिशा निर्देश का उल्लंघन किए जाने की बात प्रकाश में आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। ध्यातव्य है कि राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग ने मुखिया को जीविका दीदी, खादी भंडार तथा स्थानीय स्तर पर बनाए जाने वाले मास्क की ही खरीद करने का निर्देश दिया था।
लेकिन खबरों के मुताबिक मुखिया ने पंचायती राज विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए खुले बाजार से सस्ते और घटिया मास्क की खरीदारी की। कपड़े की दोहरी परत वाले कारगर मास्क की खरीद के लिए प्रति नग 15 रुपये की दर निर्धारित है। जबकि बाजार से बेहद सस्ते दर पर घटिया किस्म के मास्क की खरीदारी कर बड़ी संख्या में मुखिया ने सरकार को चूना लगाया है। विभाग ने कहा है कि बाजार से खरीदे जाने वाले मास्क की राशि का भुगतान सरकारी निधि से करने वाले मुखिया की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।