बांका लाइव / जमुई : बिहार में जब से यातायात अधिनियमों में कई सारे बदलाव किये गए हैं तब से सड़क पर वाहनों की जाँच अत्यधिक बढ़ गयी है। आजकल पुरे बिहार के सभी जिलों में परिवहन अधिनियमों के तहत वाहनों की सघन जाँच हो रही है तथा गलत पाए जाने पर उनपर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है, जहाँ एक निजी बस पर जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा 55,000 रूपए का जुर्माना लगाया गया है।

यह मामला जमुई का है, जहाँ पर सोमवार को परिवहन पदाधिकारी द्वारा चलाये जा रहे वाहन जाँच अभियान के तहत एक निजी बस को ओवरलोडिंग के लिए पकड़ा गया तथा उसपर 55,000 चालान काटा गया। जुर्माने के लिहाज से 55,000 एक बहुत बड़ी रकम है, जिसे एक निजी वाहन पर लगाया गया है।
ताजा मिली जानकारी के अनुसार जमुई में स्टेडियम के समीप जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा वाहनों की चेकिंग कराई जा रही थी। तभी एक निजी बस को आते हुए देखा गया। बस पर सवार लोग सिकंदरा प्रखंड के अकोनी गांव के थे और बस से बाबा झुमराज स्थान पूजा करने जा रहे थे। बस में बैठे लोगों की संख्या बस में बैठने की संख्या की क्षमता से ज्यादा थी। बड़ी बात तो यह थी की बस के छत पर भी करीब 25 से 30 लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर बैठे थे।
परिवहन पदाधिकारी ने बस को परिवहन नियमों का उल्लंघन करने और लोगों की जान को खतरे में डालने के लिये 55,000 का चालान काट दिया। गाड़ी का चालान कटने के बाद बस चालक ने जाँच अधिकारी तथा अन्य कर्मचारियों के द्वारा जांच करने के दौरान मारपीट का आरोप भी लगाया है। बस के चालक के साथ बस पर सवार लोगों ने भी पुलिस वालों पर उनके साथ गली-गलोज और मारपीट का आरोप लगाया है।
लेकिन इस प्रकार के किसी भी आरोप से जिला परिवहन पदाधिकारी ने इंकार करते हुए कहा की जाँच के दौरान किसी के भी साथ भी कोई बदसलूकी या दुर्व्यवहारिकता नहीं की गयी है। हमने सिर्फ अपना काम किया है। वो लोग जानबूझकर यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे थे। जिसके विरूद्ध हमने उचित कार्यवाही की है। उन्होंने आगे बताया की बस में नीचे एवं ऊपर मिलाकर करीब 120 से भी अधिक लोग सवार थे, जो एक बस के क्षमता से कई ज्यादा है, उसपर भी, वो बस की छत पर भी बैठे हुए थे। जो एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती थी। इस कारण 55, 000 रुपए का जुर्माना किया गया।