बांका लाइव डेस्क : मंदार पर्वत पर बहुप्रतीक्षित रोपवे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन फिर भी इसे चालू होने में अभी कुछ महीनों की देरी लग सकती है। यह अवधि तीन- चार या 6 महीने भी हो सकती है। रोपवे के लिए विद्युतीकरण का काम जारी है। पर्वत पर विद्युतीकरण का आधा काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि आधे काम अभी भी बाकी हैं। हालांकि रोपवे का ट्रायल जनरेटर के सहारे किया जा चुका है। रोपवे मैं दोनों ओर से चार-चार ट्रॉली लगाए गए हैं।
मंदार पर्वत पर रोपवे की योजना कब की पूरी हो जानी थी। लेकिन आरंभिक दौर में अनेक तकनीकी अड़चनों की वजह से एक तो काम शुरू करने में देरी हुई और दूसरे जब काम शुरू हुआ तो संबंधित एजेंसी ने इसे शीघ्र पूरा करने में बहुत तत्परता नहीं दिखाई। हालांकि फिर भी अब इसके उपयोग की प्रतीक्षा लगभग समाप्त हो चुकी है। जल्द ही यह चालू होने वाला है। इस बात की खुशी क्षेत्र के लोगों के साथ साथ मंदार पर्वत पर आने वाले पर्यटकों को भी है।
यद्यपि संबंधित एजेंसी बार-बार इसे समय पर पूरा कर देने की बात करती रही है। अभी हाल ही में विगत मार्च के अंतिम सप्ताह में विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता मंदार पहुंचे थे। मंदार पर रोपवे के निर्माण से जुड़ी एजेंसी के अधिकारियों के साथ उन्होंने शिखर तक पहुंचकर विद्युतीकरण की संभावनाओं और तत्कालीन स्थिति का जायजा लिया था।
तब उन्होंने कहा था कि रोपवे के लिए विद्युतीकरण का काम शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। मुख्य अभियंता के अनुसार पर्वत पर रोपवे के लिए बिजली के 90 पोल लगाए जाने हैं। प्रत्येक पोल 105 से 110 किलोग्राम तक के वजन का है। इसीलिए विद्युतीकरण का काम थोड़ा कठिन है। लेकिन यह समय से पूरा हो जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से हर संभव प्रयत्न किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि 10 अप्रैल तक ही रोपवे के लिए विद्युतीकरण का काम संपूर्ण कर लिया जाएगा। हालांकि अब जबकि जून समाप्ति पर है विद्युतीकरण का काम अभी आधा ही हो सका है।
इस बीच ताजा जानकारी यह है कि रोपवे के लिए मंदार पर लगाए जाने वाले दो में से एक ट्रांसफार्मर लग चुका है। जबकि एक और का लगाया जाना बाकी है। विद्युतीकरण का काम लोअर प्लेटफार्म से लेकर मिडिल प्लेटफार्म तक पूरा हो चुका है। बाकी का आधा काम मिडिल से अपर प्लेटफार्म तक के बीच है जो अभी शुरू ही हुआ है। इस हिस्से में तकरीबन 40 से 50 विद्युत खंभे लगाए जाने हैं। इस काम में समय लग सकता है, जिसकी अवधि 3-4 माह से ज्यादा हो सकती है। विद्युत खंभों के साथ-साथ वायरिंग का काम भी चल रहा है। फलस्वरुप माना जा रहा है कि विद्युतीकरण के संपूर्ण काम में 6 माह तक की भी देरी लग सकती है।
मंदार पर्वत न सिर्फ बांका और बिहार बल्कि देश का एक पौराणिक धरोहर है जिसका सनातन हिंदू और जैन संप्रदाय के मानने वालों के बीच व्यापक आध्यात्मिक महत्व है। यहां मकर संक्रांति पर प्रसिद्ध स्नान मेला लगता है। वैसे सालों पर यहां घूमने फिरने आने वाले पर्यटकों का तांता लगा रहता है। मंदार जैन संप्रदाय के लोगों का भी प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां भगवान वासुपूज्य का निर्वाण स्थल माना जाता है। यही वजह है कि सालों भर जैन धर्मावलंबी देशभर के विभिन्न हिस्सों से यहां आते रहते हैं। पर्वत शिखर पर स्थित मंदिर में भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है जहां तक पहुंचने के लिए फिलहाल पहाड़ पर प्रस्तर सोपान है। लेकिन रोपवे चालू हो जाने के बाद यहां पर्यटन का ज्यादा विस्तार हो जाने की उम्मीद है।