भगवान मधुसूदन मंदिर का पौराणिक महत्व है। पौराणिक मंदार पर्वत की तराई में अवस्थित इस मंदिर में भगवान मधुसूदन की चंद्रमणि निर्मित प्रतिमा स्थापित है। रथ यात्रा के अवसर पर हर वर्ष यहां भगवान की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाती है।
बांका/ बिहार (ब्यूरो रिपोर्ट) : जगन्नाथपुरी की तर्ज पर बिहार के बांका जिला अंतर्गत बौंसी कस्बे में स्थित भगवान मधुसूदन मंदिर प्रांगण से भी रथ यात्रा निकाली जाती है। रथ यात्रा भगवान मधुसूदन के निमित्त होती है जिसमें न सिर्फ बांका और बिहार बल्कि आसपास के कई प्रांतों के श्रद्धालु शरीक होते हैं। निर्धारित तिथि एवं योग के अनुरूप मंगलवार 20 जून को भगवान मधुसूदन की भी रथ यात्रा की जोरदार तैयारियां की गई हैं।
भगवान मधुसूदन मंदिर का पौराणिक महत्व है। पौराणिक मंदार पर्वत की तराई में अवस्थित इस मंदिर में भगवान मधुसूदन की चंद्रमणि निर्मित प्रतिमा स्थापित है। रथ यात्रा के अवसर पर हर वर्ष यहां भगवान की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाती है। मंगलवार 20 जून 2023 को इस यात्रा को लेकर जोरदार तैयारियां की गई हैं। सुबह से ही पूजा पाठ के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। हजारों की संख्या में दूसरे प्रांतों से भी श्रद्धालु पूजा अर्चना एवं रथ यात्रा में शामिल होने के लिए यहां पहुंचे हैं।
स्थानीय बुद्धिजीवी एवं सामाजिक कार्यकर्ता निर्मल झा ने बांका लाइव को बताया कि आज भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा दोपहर बाद 2:00 बजे निकाली जाएगी। रथयात्रा पारंपरिक रथ से ही निकाली जाएगी। रथ को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। मंदिर परिसर एवं प्रांगण को भी तरह तरह से सजाया गया है। मंदिर में रथ यात्रा को लेकर दोपहर तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ रही है।
उन्होंने बताया कि भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा का शुभारंभ मंदिर के सामने से होगी। रथ यात्रा जैन मंदिर तक जाएगी, जिसके बाद यात्रा की पुनर्वापसी उसी रास्ते मधुसूदन मंदिर में होगी। तत्पश्चात भगवान मधुसूदन की प्रतिमा उनके अपने सिंहासन पर आरूढ़ की जाएगी। इस अवसर पर भव्य पूजा अर्चना एवं आरती का भी आयोजन होगा। इस बीच रथयात्रा को लेकर मधुसूदन मंदिर के आसपास से लेकर समूचे बौंसी बाजार क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति की वजह से मेले का माहौल है।
मेले में अनेक तरह की दुकानें भी सज गई हैं। दूरदराज से आए लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। पूजा प्रसाद से लेकर घरेलू उपयोग के सामानों की खूब खरीद बिक्री हो रही है। रथयात्रा मेले को लेकर स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम करने के दावे किए हैं। इनके अलावा स्थानीय स्वयंसेवक, पंडा समाज एवं सामाजिक कार्यकर्तागण भी मेला एवं रथयात्रा अनुष्ठान के आयोजन को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पूरी जिम्मेदारी से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।