बांका लाइव (चुनाव डेस्क) : राजनीति की बिसात पर तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अपनी कामयाब चाल से रालोसपा के शीर्ष नेतृत्व को हलकान कर दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्य में गठबंधन को लेकर पावर प्ले कर रहे रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा को तगड़ा झटका देते हुए उनकी पार्टी के ही प्रदेश अध्यक्ष को राजद में मिला लिया है।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद भूदेव चौधरी ने अपने ही पार्टी सुप्रीमो को झटका देते हुए सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया है। भूदेव चौधरी को राजद एवं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने आवास पर राजद में शामिल कराया। इस अवसर पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी मौजूद थे।
भूदेव चौधरी मूल रूप से बांका जिले की राजनीति से जुड़े रहे हैं। वह धोरैया विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे और बाद में जमुई लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी। जमुई लोकसभा क्षेत्र से भूदेव चौधरी जदयू के सांसद थे। लेकिन एक विवाद में फंसने के बाद पार्टी ने 2014 के आम चुनाव में उनका टिकट काट लिया। बाद में वह रालोसपा में शामिल हो गए और कुछ दिनों बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए।
एनडीए से मोहभंग होने के बाद रालोसपा के शीर्ष नेतृत्व का झुकाव महागठबंधन की ओर हुआ था। काफी दिनों तक महागठबंधन से कदमताल करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार विधानसभा के चुनाव को देखते हुए राजनीति की। लेकिन पिछले कई रोज से उनका झुकाव एनडीए की ओर था। यही नहीं महागठबंधन खासकर राजद से उनकी दूरी बन रही थी।
इससे पहले भूदेव चौधरी ने एक बार फिर से बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अपने पुराने धोरैया विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) से भाग्य आजमाने की तैयारी शुरू कर दी थी। काफी दिनों से वह क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय थे। बांका जिले में भी हाल के महीनों में उन्होंने अपनी सक्रियता बढ़ाई थी।
लेकिन पार्टी के ही शीर्ष नेतृत्व की सौदागरी शायद उनकी समझ में आ गई थी और यह भी की उन्होंने शायद भांप लिया था कि यह स्थिति उनके चुनावी अभियान में बाधक सिद्ध हो सकती है। क्योंकि धोरैया से वर्तमान में जदयू के विधायक हैं और पार्टी के एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की स्थिति में भूदेव चौधरी का रास्ता धोरैया के लिए बंद हो सकता था। यही वजह है कि सोमवार को उनके एकबारगी राजद में शामिल होने की खबर चर्चा में आई।