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विधानसभा के सदन में पहली बार पहुंचे हैं बांका जिले के 5 में से 3 विधायक

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बांका लाइव ब्यूरो : बिहार विधानसभा के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। रिजल्ट घोषित होने के बाद नवनिर्वाचित विधायक अपने अपने क्षेत्र की जनता को उनके कल्याण के लिए आश्वस्त करते हुए सदन में सदस्यता की शपथ ग्रहण की तैयारी में लग गए हैं। इससे पहले उनके अपने इष्ट देवी देवताओं की पूजा-पाठ का दौर भी जारी है। इधर क्षेत्र में अब अगले 5 वर्षों के लिए सिर्फ ‘समस्याओं की सूची’ बनाने का दौर भी शुरू हो चुका है! कई समझदार लोग नवनिर्वाचित विधायकों के साथ अभी से साये की तरह हो लिए हैं क्योंकि उन्हें आगे भी बहुत कुछ करना है! नेताजी की रहे न रहे, क्षेत्र में अपना दबदबा भी कायम रखना है!

चुनाव परिणामों के बाद बुधवार का दिन बांका जिले में शांति और सन्नाटे का दिन रहा। दिवाली की दहलीज पर खड़े होने के बावजूद चुनाव की गहमागहमी से मुक्त होने के बाद बुधवार को लोग रिलैक्स करते रहे। जहां-तहां गांव-गलियों, मोहल्ला और चाय की दुकानों पर उनकी बैठकों का दौर चलता रहा। आगे की स्थितियों और चुनाव के दौर में पीछे रही परिस्थितियों पर भी चर्चा होती रही। बहस मुबाहसे होते रहे।

बांका जिले में विधानसभा चुनाव की इस बार खास बात यह रही कि जिले के पांच में से तीन क्षेत्रों के विधायक पहली बार विधानसभा के सदस्य बने हैं और संपूर्ण बांका जिले की जनता को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। इनमें से एक हालांकि पिछले दो टर्म से एमएलसी जरूर हैं, लेकिन विधानसभा के सदन में बतौर सदस्य वह इस बार पहली दफा अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। यह शख्सियत हैं मनोज यादव, जो बेलहर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर इस बार पहली दफा विधायक बने हैं। वह युवा हैं और ऊर्जावान भी।

मनोज यादव पंचायती राज प्रतिनिधियों के प्रतिनिधि के तौर पर पिछले दो बार से बिहार विधान परिषद के सदस्य चुने गए हैं। इस वक्त भी वह विधान परिषद के सदस्य हैं। विधायक बनने के बाद हालांकि उन्हें विधान परिषद की सदस्यता से मुक्त होना होगा। अगले साल वैसे भी पंचायती राज प्रतिनिधियों के लिए विधान परिषद सदस्य का चुनाव होना है। मनोज यादव बांका सदर प्रखंड के ढाका बस्ती के निवासी हैं।

इधर अमरपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर विधायक चुने जाने वाले जयंत राज पहली बार विधानसभा के सदन में अपनी मौजूदगी दर्ज करेंगे। वह विधानसभा का चुनाव भी पहली बार लड़े हैं और पहली ही बार में उन्होंने एक संघर्षपूर्ण जीत दर्ज की है। जयंत राज पिछले 10 वर्षों से विधानसभा में अमरपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे जनार्दन मांझी के पुत्र हैं। इस बार जनार्दन मांझी की जगह पार्टी ने उनके पुत्र जयंत राज को ही अमरपुर क्षेत्र से आजमाया था और इसमें उन्हें सफलता मिली। वह जिले के बौंसी के निवासी हैं जो कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है।

उधर कटोरिया विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में इस बार अपनी जीत दर्ज करने वाली निक्की हेंब्रम पहली बार विधानसभा पहुंचेंगी। हालांकि इससे पहले 2015 का विधानसभा चुनाव उन्होंने लड़ा था लेकिन एक बड़े अंतर से वह राजद प्रत्याशी स्वीटी सीमा हेंब्रम के हाथों पराजित हो गई थीं। इस बार उन्होंने एक बार फिर से राजद प्रत्याशी स्वीटी सीमा हेंब्रम से मुकाबला किया और 2015 की पराजय का बदला लेते हुए अपनी शानदार जीत दर्ज की। निक्की हेंब्रम राज्य महिला आयोग की सदस्य भी हैं।


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