कोरोना की दूसरी लहर में देश भर में अबतक 594 डॉक्टरों ने गंवाई अपनी जान
ब्यूरो रिपोर्ट : कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में हर तरह के जान-माल को क्षति पहुंचाई है l देशभर में मानो त्राहिमाम सा मच गया है l जहाँ कोरोना के कारण देशभर में हजारों की संख्या में कोरोना पीड़ितों को अपनी जान गवानी पड़ी है l वहीं इन मरीजों का इलाज करने वाले और उनकी जान बचाने वाले भगवान् स्वरुप चिकित्सक भी इस महामारी से बहुत दुष्प्रभावित हुए हैं l
भारतीय स्वास्थ्य संगठन ( IMA ) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में 28 मई तक पूरे देश में 594 चिकित्सकों की मृत्यु हो चुकी है l जिनमें से 106 चिकित्सकों की मृत्यु सिर्फ बिहार में हुई है । आईएमए ने चिकित्स्कों की मृत्यु के सम्बन्ध में राज्यवार आधार-सामग्री (डेटा ) जारी कर बताया कि किस राज्य में कितने डॉक्टरों ने कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान गवाई है l
आईएमए के आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 के कारण मरने वाले चिकित्सकों में हर दूसरा डॉक्टर बिहार, उत्तरप्रदेश या दिल्ली का है l कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान गवाने वाले चिकित्सकों में इन तीन राज्यों की दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सेदारी 45 % तक है, जिसमें से सबसे ज्यादा चिकित्सकों की मृत्यु दिल्ली में हुई है। दिल्ली में अबतक 107 चिकित्सक अपनी जान गवा चुके हैं l इसके बाद नंबर आता है बिहार के डॉक्टरों का जिनकी संख्या 106 है l
आईएमए के अनुसार गत वर्ष से ही इस महामारी की शुरुआत से लेकर अबतक हमारा देश 1300 चिकित्सकों की जान गवां चूका है और अभी ये सिलसिला जारी है l आईएमए द्वारा जारी सूचि के अनुसार इस वर्ष बिहार में 106, उत्तरप्रदेश में 67 और दिल्ली में 107, राजस्थान में 43 डॉक्टरों की मौत हुई है।
आईएमए ने कहा कि आधुनिक एलोपैथी चिकित्सा प्रणाली इस कोरोना महामारी के विरूद्ध लड़ाई में सबसे आगे है और 1,300 डॉक्टरों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। देश की इस मुश्किल घड़ी में जिस तरह चिकित्सक अपने जान की परवाह किये बगैर दिन रात मरीजों की सेवा कर रहे हैं वो सराहनीय है l चिकित्सकों के इस बलिदान को किसी भी देशवासी के द्वारा भुलाया नहीं जा सकेगा l