सरकारी फॉर्मेलिटी तक सीमित रह गए बांका जिले की 27वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह
बांका लाइव डेस्क : बांका जिले की उम्र 28 वर्ष हो गयी। इस जिले ने बुधवार को अपनी स्थापना की 27 वीं वर्षगांठ मनाई। बांका जिले की स्थापना 21 फरवरी 1991 को हुई थी, जब राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने स्थानीय आरएम के मैदान में आयोजित एक विशाल जनसभा के बीच इसका उद्घाटन किया था। इस आयोजन की अध्यक्षता तब राज्यसभा सदस्य बांका निवासी ठाकुर कामाख्या प्रसाद सिंह ने की थी। बांका जिले की स्थापना की पहली वर्षगांठ 21 फरवरी 1992 को मनाई गई थी। तब जो यहां तीन दिवसीय समारोह हुए थे, आगे के वर्षों के लिए वह सिर्फ एक मिसाल ही बनकर रह गए।
दरअसल बांका जिला स्थापना की 27 वीं वर्षगांठ पर आयोजित सरकारी समारोह जिला मुख्यालय और सिर्फ औपचारिकता तक ही सिमट कर रह गए। ये समारोह भी एक तरह से सरकारी फॉर्मेलिटी से ज्यादा कुछ साबित नहीं हो पाए। एक सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रम को छोड़ अन्य सारे कार्यक्रम जो उंगलियों पर गिनने लायक रहे, शाम ढलते ही काफूर हो गये। सब कुछ औपचारिकता के तौर पर संपन्न हुआ। खास बात यह भी कि इन कार्यक्रमों में आमजन की पहुंच और प्रवेश पर पाबंदी तो नहीं रही, लेकिन जनभागीदारी आमतौर पर नहीं के बराबर रही। इसकी वजह जिला स्थापना दिवस समारोह को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार और जनसंपर्क का अभाव रहा।
समारोह के नाम पर स्थानीय गांधी चौक के समीप एक छोटे से मैदान वीर कुंवर सिंह पार्क में टेंट शामियाना लगाकर कुछ सरकारी विभागीय स्टॉल लगाए गए जिनमें प्रदर्शन कम आत्ममुग्धता ज्यादा रही। अपराहन तक चलने वाले ये स्टॉल ही जिला स्थापना दिवस के मुख्य समारोह तत्व रहे। औपचारिक तौर पर मेहंदी प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए लेकिन इन कार्यक्रमों को भी व्यापक जन भागीदारी का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाया।
समाहरणालय और अनुमंडल कार्यालय परिसर को अलबत्ता रंगीन नीले रंग के झालर से सजाया गया था, लेकिन गांधी चौक पर इस बार सजावट की लड़ी कमतर रही। अन्य सरकारी दफ्तरों और भवनों पर तो वह सजावट भी नहीं दिखी। कुल मिलाकर बांका जिला स्थापना दिवस की 27 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम ऑफ द एडमिनिस्ट्रेशन, फॉर द एडमिनिस्ट्रेशन एंड बाय द एडमिनिस्ट्रेशन बन कर रह गये। जिला स्थापना दिवस समारोह की वर्तमान स्थिति पर अफसोस कर रहे कुछ बुद्धिजीवी पूर्व के दशकों में यहां हुए भव्य स्थापना दिवस समारोहों की चर्चा करते सुने गये।