बांका लाइव ब्यूरो : बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बांका जिला इकाई ने स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना जांच पर रोक का कड़ा विरोध किया है। संघ ने कहा है कि यह बेहद दुखद और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है कि जो दिन रात कोरोना योद्धा के रूप में दूसरों की जांच और सेवा में तल्लीन हो, उसी तबके को अपने स्वास्थ्य की जांच एवं जीवन की सुरक्षा उपलब्ध ना हो।
इस सिलसिले में संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को बांका के सिविल सर्जन से मिला और उन्हें ज्ञापन दिया। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सिविल सर्जन के समक्ष स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याएं रखीं और उनके निदान का आश्वासन उनसे मांगा। प्रतिनिधिमंडल में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अजय कुमार चौहान, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री सनत कुमार ठाकुर, संघ के अनुमंडल मंत्री मृत्युंजय सिंह एवं महासंघ के उपाध्यक्ष हरेकांत झा शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने सिविल सर्जन से कहा कि उन्हें पता चला है कि स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना संक्रमण संबंधित जांच पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के इन कोरोना योद्धाओं के जीवन की सुरक्षा को लेकर यह रवैया उचित नहीं। कितना दुखद है कि जो दूसरों की सेवा और सुरक्षा में रात दिन लगा है, स्वयं उसी की जीवन सुरक्षा को लेकर बाधाएं खड़ी हों।
प्रतिनिधिमंडल ने सिविल सर्जन से मांग की कि जिस तरह कोरोना संक्रमण संबंधी जांच आम नागरिकों की हो रही है, उसी तरह स्वास्थ्य कर्मियों की भी हो। जो संक्रमित स्वास्थ्य कर्मी हों, उनका समुचित इलाज हो। उनके लिए आइसोलेशन की व्यवस्था हो। साथ ही नाश्ता एवं भोजन हेतु राज्य सरकार के निर्देशानुसार उपलब्ध राशि उन्हें आवंटित की जाए। यह न सिर्फ नैसर्गिक न्याय के हित में है, बल्कि वक्त का तकाजा भी यही है।