BANKA : महिला से छेड़छाड़ के वायरल वीडियो मामले में 36 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाने वाला बांका पुलिस प्रशासन खुद अपने ही एक वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी तो दूर 22 घंटे बीत जाने के बाद भी एफआइआर तक दर्ज नहीं कर पाया है। मामला अवैध बालू कारोबार से जुड़ा है, इसलिए भी बांका पुलिस की इस मामले में सुस्ती यहां चर्चा का विषय बनी हुई है।
बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान कल रात करीब 11:00 बजे बांका के एसडीपीओ और पुलिस के सुरक्षाकर्मियों पर बालू माफियाओं ने अमरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत चांदन नदी के जेठौर घाट के समीप जनकपुर में हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। हमले में एसडीपीओ की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें बांका सदर अस्पताल से भागलपुर रेफर कर दिया गया। मामला संगीन था, इसलिए सुबह से ही इस मामले में बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और धरपकड़ अभियान की उम्मीद की जा रही थी।
इस बीच, इसी प्रकरण में कल रात ही पुलिस और बालू माफियाओं के बीच झड़प के दौरान गोली लगने से फंटूश यादव नामक युवक की मौत हो गई। वह एक ट्रक ड्राइवर था। फंटूश की मौत पुलिस की गोली से हुई या बालू माफियाओं की गोली से, यह तो अलग जांच का विषय है, लेकिन इस मामले में एफ आई आर होना है, इसमें कोई संशय नहीं। फंटूश के परिजन उसकी हत्या के लिए बालू ठेका कंपनी के लोगों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि उसकी मौत पुलिस की गोली लगने से हुई। बहरहाल, जिस किसी की भी गोली से फंटूश की मौत हुई हो, वह तो जांच में स्पष्ट होगा, लेकिन जांच से पहले FIR किया जाना है, जो घटना के 22 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हो सका है।
एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव और पुलिसकर्मियों पर हमले के लिए खुद बांका पुलिस प्रशासन भी बालू माफियाओं को जिम्मेदार मानता है। एफ आई आर उनके विरुद्ध भी अब तक नहीं हो पाया है। एसडीपीओ का अभी भागलपुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
ज्ञात हो कि कुछ रोज पूर्व अमरपुर थाना क्षेत्र के ही डुबौनी- जेठौर रोड में कहीं अराजक तत्वों द्वारा एक महिला के साथ छेड़छाड़ का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ खूब थपथपाई थी। तब एसडीपीओ और पुलिसकर्मियों पर हमले या किसी शख्स की गोली लगने से हुई मौत के मामले में घटना के दूसरे दिन भी देर शाम तक एफ आई आर नहीं होने की बात यहां चर्चा का विषय बनी हुई है, तो यह चर्चा स्वाभाविक ही है!