बांका लाइव ब्यूरो : समाज और मानवता के साथ अपराध की श्रेणी में आने वाले वाकये निसंदेह कुछ ऐसे ही होते होंगे। बांका में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जो आपात स्थिति में भी समाज और मानवता के विरुद्ध खुद समाज के ही जाने का अमर्यादित एवं जघन्य व्यवहार की श्रेणी में गिना जाएगा। यहां के एक बैंककर्मी के कोरोना संक्रमण होने के बाद उनके और उनके परिवार के साथ समाज के लोगों ने ही जो किया उसे किसी भी स्थिति में मानवीय तो नहीं ठहराया जा सकता।
यह मामला दरअसल यहां के उस बैंक कर्मी और उसके परिवार की कड़वी व्यथा कथा है जो कोरोना संक्रमित होने के सिर्फ 12 घंटे के दौरान उनके साथ बीती। इस व्यथा कथा को स्वयं बैंक कर्मी की बैंक कर्मी पत्नी ने बयां किया है जिसका ऑडियो पिछले 24 घंटे से इस क्षेत्र में वायरल है। जिसने भी इस ऑडियो को सुना, उसने उस समाज को ही धिक्कारा जिसे यह बैंक कर्मी परिवार अपना मान कर वहां रह रहा था।
एक अन्य बैंक में कार्यरत कोरोना संक्रमित बैंक कर्मी की पत्नी ने एक ऑडियो जारी कर लोगों को बताया कि जब उनके पति को कोरोना पॉजिटिव निकला तो समाज के लोगों ने किस तरह उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया। समाज के लोगों ने उन्हें अछूत समझा। उन्हें घर खाली करने के लिए मकान मालिक को उकसाया। उन्होंने एक स्थानीय युवक विशेष को इसमें बढ़-चढ़कर भूमिका निभाने के लिए खासतौर से दोषी ठहराया। बिना प्रशासन के आदेश के जबरन एंबुलेंस बुलाकर उनके पति को आइसोलेशन वार्ड में भेजने की कोशिश की। जबकि उन्होंने अपने ही घर पर होम क्वॉरेंटाइन रहने की अनुमति के लिए प्रशासन को अर्जी दे रखी थी।
संक्रमित बैंक कर्मी और उनका परिवार बांका शहर के शिवाजी चौक से सटे आनंद कॉलोनी में रह रहा था। संक्रमित बैंक कर्मी की पत्नी ने स्पष्ट कहा है कि पति को कोरोना संक्रमण होने के बाद कॉलोनी के लोगों ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे वे कोई अपराधी हों। उन्होंने ऐसी-ऐसी बातें कहीं जिनसे उनका मनोबल टूट कर बिखरता रहा। जबकि उन दोनों पति-पत्नी ने बैंक की सेवा में रहते हुए निर्विकार भाव से यहीं के समाज की सेवा की।
इधर, कॉलोनी के स्थानीय कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद बैंक कर्मी को आइसोलेशन में जाना चाहिए था। लेकिन वह नहीं जाना चाह रहे थे। इससे कॉलोनी में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा था। इस मामले में एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने कहा है कि कोरोना से संक्रमित किसी व्यक्ति या उसके परिवार से दुर्व्यवहार किया जाना गैरकानूनी एवं अमानवीय है। अगर ऐसा हुआ है तो बिल्कुल गलत हुआ है और जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।