बौंसी के दत्ता टोले के लोगों की कोरोना जांच प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवाल
बांका लाइव डेस्क : 18 जुलाई को सैंपलिंग होती है और 25 जुलाई को जांच रिपोर्ट आती है, जिसमें 18 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं। सनद रहे यह जांच रिपोर्ट 18 जुलाई को संग्रह किए गए सैंपल की होती है। मतलब जिस दिन सैंपल लिए गए अगर उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव है तो जाहिर है सैंपल लिए जाने वाले दिन भी शख्स कोरोना संक्रमित था।
हम बात कर रहे हैं बौंसी कस्बे के दत्ता टोले की, जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 18 जुलाई को कैंप लगाकर 99 लोगों के सैंपल कोरोना जांच के लिए लिए थे। 25 जुलाई को उनकी जांच रिपोर्ट घोषित की गई, जिनमें 18 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। बाकी के लोग जांच में नेगेटिव पाए गए हैं। लेकिन सवाल है कि क्या अब वे भी नेगेटिव रह पाए होंगे, जिनकी 18 जुलाई को लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है?
इस सवाल को लेकर संशय की स्थिति इसलिए भी कायम है, क्योंकि ले देकर कोरोना संक्रमित मरीजों या संदिग्ध मरीजों के क्वॉरेंटाइन अथवा आइसोलेशन के लिए अब सिर्फ ‘होम’ की ही व्यवस्था है। हर किसी को इस मामले में समान सुविधा नहीं होती और ना ही यह व्यवस्था बाध्यकारी है।
18 जुलाई को जिनके सैंपल कोरोना पॉजिटिव थे, वे बाद के 7 दिनों तक कहां और किस हाल में थे? वे किन किन के संपर्क में आए, किन-किन से मिले और कहां तक उनका आना-जाना हुआ? इसे जाने बगैर और संबद्ध सभी हाई रिस्क क्लोज कॉन्टैक्ट लोगों की जांच किए बगैर आखिर किस प्रकार कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम की जा सकती है!
बौंसी के स्थानीय लोग तो बताते हैं कि जिन लोगों के सैंपल 18 जुलाई को जांच हेतु लिए गए, उनकी दिनचर्या और गतिविधियां 18 जुलाई के बाद भी सामान्य ही रहे। जाहिर है बड़ी संख्या में लोग इन कोरोना संक्रमितों के भी क्लोज कांटेक्ट में आए होंगे। किस किस क्षेत्र में आए होंगे, यह तो सघन जांच के बाद ही पता चल सकता है।
लेकिन इस आशंका से संबंधित मोहल्ला तो छोड़िए, बौंसी बाजार तथा आसपास के इलाके के लोगों में भी डर और संशय व्याप्त है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसे तो कोरोना संक्रमण का प्रसार रुकने से रहा। जाने किस-किस क्षेत्र के लोगों में अब तक संक्रमण का प्रसार हो चुका होगा। इस भयभीत कर देने वाले किंतु वाजिब आशंका से बौंसी कस्बे के लोग बुरी तरह घबराए हुए हैं, तो जाहिर है सवाल भी उठेंगे ही!