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बिहार : बांका के भदरिया में बदलेगी चांदन नदी की धार, होगी पुरातात्विक स्थल की खुदाई : नीतीश कुमार

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बांका लाइव ब्यूरो : बिहार के बांका जिला अंतर्गत भदरिया गांव के समीप चांदन नदी की धारा का रुख बदला जाएगा। ऐसा पुरातात्विक स्थल की समेकित खुदाई के लिए किया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां यह बात कही। वह बांका जिले के भदरिया गांव के समीप चांदन नदी तट पर बहुचर्चित पुरातात्विक स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। राज्य सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा स्थानीय विधायक जयंत राज सहित अनेक विधायक एवं पदाधिकारी भी उनके साथ थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भदरिया और आसपास का क्षेत्र खासकर चांदन नदी का तटवर्ती इलाका आर्कियोलॉजिकल दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह ऐतिहासिक भूमि है जिसके अंदर छिपे अवशेषों को उजागर करने की जरूरत है। इसके लिए सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। चांदन नदी में मिले पुरातात्विक अवशेष ही नहीं बल्कि भदरिया गांव तथा आसपास के इलाके में भी विशेष अनुसंधान, खोज एवं पड़ताल होगी। जहां जरूरत होगा, वहां खुदाई होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही लोग बिहार की उपेक्षा कर रहे हों, बिहार में कुछ ऐसी चीजें हैं जो अंतरराष्ट्रीय ख्याति की हैं। यहां के पुरातात्विक धरोहर उनमें सर्वप्रमुख हैं। जिले के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत भदरिया गांव के समीप चांदन नदी में मिले पुरातात्विक स्ट्रक्चर के बारे में उन्होंने विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि यह बौद्धकालीन है और करीब 26 सौ वर्ष प्राचीन माना जा रहा है। हालांकि इस पर अभी खोज होने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ चर्चित स्थल ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों को भी नजर में रखकर अनुसंधान किया जाना चाहिए, खोज होनी चाहिए। खुदाई से बहुत कुछ चीजें सामने आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भगवान बुद्ध भी पधारे थे। अपने आप में यह भी एक बड़ी पौराणिक पहचान है। क्षेत्र का बड़ा पौराणिक इतिहास है। इसे उजागर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे इस पवित्र और पौराणिक भूमि को सादर नमन करते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस इलाके को डेवलप किया जाएगा। यह क्षेत्र दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके लिए बड़े प्रयास की जरूरत होगी और राज्य सरकार इसमें पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि चांदन नदी की धार वर्ष 1995 के पूर्व की स्थिति में ले जाने के लिए धार की दिशा बदली जाएगी। इसके लिए अधिकारियों से कहा गया है। इस वर्क प्लान पर शीघ्र काम आरंभ होगा। इससे पहले उन्होंने चांदन नदी में निकले पुरातात्विक भवन के अवशेष तथा आसपास मिले अन्य अवशेषों तथा स्ट्रक्चर का अवलोकन किया तथा अधिकारियों से बातचीत करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए।


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